आरयू ब्यूरो, लखनऊ। डीएम के साथ एलडीए उपाध्यक्ष का चार्ज संभालने के बाद अभिषेक प्रकाश एलडीए में मनमनी व भ्रष्टाचार करने वालों के लिए लगातार सिरदर्द बने हैं। पिछले दिनों भू-मफियाओं व दलालों जाल तोड़ने के लिए सभी गेट बंद करावाकर एलडीए का औचक निरीक्षण करने वाले अभिषेक प्रकाश ने सोमवार शाम से दो चरणों में रात डेढ़ बजे तक एलडीए में अधिकारी व इंजीनियरों के साथ बैठक कर दो टुक लहजे में कहा है कि मनमानी व भ्रष्टाचार करने वाले सुधर जाए या फिर कार्रवाई झेलने को तैयार रहें।
देर रात तक बैठक करने के बाद आज सुबह नौ बजे से लगभग दो घंटों तक समीक्षा बैठक कर एलडीए के प्रभारी उपाध्यक्ष ने कई आवश्यक निर्देश देने के साथ ही काम में लापरवाही बरतने वालों को फटकार भी लगायी। सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक चली डीएम की बैठकों के बाद एलडीए में आज दिनभर हड़कंप की स्थिति रही।
बजट के संकट से जूझ रहे एलडीए की बैठक में सामने आया है कि 4192 डिफॉल्टर आवंटियों को ओटीएस के जरिए समाधान का विकल्प दिया गया था, लेकिन इनमें से केवल चार सौ ने ही आवेदन किया। ऐसी स्थिति में बचे आवंटियों से भी आवेदन सात दिनों में प्राप्त किए जाये।
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वहीं ट्रस्ट और रेंट की जमीनों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की आशंका को देखते हुए सात दिनों में नए सिरे से रेकॉर्ड तैयार करने का डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है।
30 दिसंबर तक तैयार होगी भू-माफियाओं की लिस्ट
डीएम के निर्देश पर एलडीए 31 दिसंबर तक ऐसे भू माफियाओं की सूची तैयार करेगा जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
चार साल में हुए ध्वस्तीकरण का खर्च भी वसूलेगा एलडीए
एक जनवरी 2017 से लेकर अब तक जितने भी अवैध निर्माण ढहाए गए हैं, उनका खर्च भी आरोपितों से वसूलने का आदेश दिया है। बैठक में रखी गई रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर से कोई वसूली नहीं हो सकी है। ऐसे में जिलाधिकारी ने जुर्माना जमा न करने वालों के खिलाफ आरसी काटने का आदेश दिया।
इंजीनियरों को चिन्हित कर करें कार्रवाई
समीक्षा बैठक में पता चला कि एलडीए के कुछ इंजिनियर लखनऊ औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण लीडा के क्षेत्र में जाकर वहां भी अवैध निर्माण के नाम पर नोटिस काट रहे हैं। आरोप है कि ऐसा अवैध वसूली के लिया किया जा रहा था। डीएम ने ऐसा करने वाले इंजीनियरों की पहचान कर उन पर कार्रवाई करने के अफसरों को निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा एलडीए से जुड़े कई अन्य जरूरी कामों को पूरा करने के लिए बैठक में समय सीमा भी तय कर दी गयी है।
इसके तहत 23 दिसंबर तक हर योजना में झील या तालाब विकसित करने के लिए जमीनें चिन्हित की जाएंगी। चीफ इंजीनियर व योजनाओं के एक्सईएन को जमीन तलाशने का निर्देश दिया गया।
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एलडीए ने अब तक जितनी भी आइजीआरएस पर आने वाली शिकायतों का निस्तारण किया है उन से जुड़ी डिटेल मोबाइल नंबर समेत 26 दिसंबर तक एलडीए उपाध्यक्ष तक पहुंचाना है। समझा जा रहा है कि डीएम खुद शिकायर्ता से बात कर स्थिति का आंकलन कर सकते हैं।
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29 दिसंबर तक संबंधित अफसर को रिपोर्ट तैयार करनी होगी कि अब तक आवासीय समितियों को कब-कब और किन योजनाओं में कितनी जमीन दी गई? जानकारों के अनुसार आवासीय समितियों से एलडीए द्वारा दी और ली गयी जमीनों का सही डेटा तैयार हो गया तो वर्तमान के साथ ही एलडीए में पूर्व में तैनात रहे अफसरों की गर्दन भी फंस जाएगी।
बैठक में अपर सचिव अनिल भटनागर, वित्त नियंत्रक राजीव कुमार सिंह, संयुक्त सचिव ऋतु सुहास, डीएम कटियार, ओएसडी डीके सिंह, चीफ इंजीनियर इंदूशेखर सिंह, सीटीपी नितिन मित्तल, आरजी सिंह, कम्प्यूटर सेल के प्रभारी एसबी भटनागर के अलावा सभी जोन के प्रभारी अधिशासी अभियंताओं समेत अन्य अफसर व इंजीनियर भी मौजूद रहें।