लखनऊ: फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में CBI की स्‍पेशल कोर्ट ने सुनाई डॉन अबु सलेम को तीन साल की सजा

फर्जी पासपोर्ट
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में सीबीआइ की स्‍पेशल कोर्ट ने मुंबई की तलोजा जेल में बंद  अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम को तीन साल की सजा सुनाई है। मंगलवार को सीबीआइ की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने यह सजा सुनाई। फर्जी पासपोर्ट मामले में अबु सलेम के अलावा दूसरे दोषी परवेज आलम को भी तीन साल की सजा सुनाई हुई है। अबु सलेम में पर दस हजार, जबकि परवेज पर कोर्ट ने 35 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

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जानकारी के अनुसार मूल रूप से आजमगढ़ जिले के सरायमीर निवासी अबू सलेम उर्फ अब्दुल कयूम अंसारी ने साल 1993 में अपने साथी परवेज आलम व समीरा जुमानी के साथ मिलकर लखनऊ पासपोर्ट कार्यालय में अकील अहमद आजमी के नाम से पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। सलेम ने इस आवेदन के साथ फर्जी नाम व पते के कूटरचित दस्तावेज लगाए और पासपोर्ट हासिल भी कर लिया था। बाद में सलेम ने इस पासपोर्ट का इस्‍तेमाल भागने के लिए भी किया था।

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सलेम के पकड़े जाने के बाद राज खुलने पर सीबीआइ ने मामले की विवेचना करने के साथ ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। जिसके बाद कोर्ट ने अबु सलेम पर पांच जून 2009 को आरोप तय किए थे। इसके बाद अभियोजन पक्ष ने गवाही दर्ज कराई और आरोपित का बयान दर्ज किया गया।

उल्‍लेखनीय है कि अबू सलेम को 11 नवंबर 2005 को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था। जून 2017 में सलेम को दोषी ठहराया गया और बाद में मुंबई में 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों में उसकी भूमिका के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई गई। 12 मार्च, 1993 को मुंबई में लगभग दो घंटे में एक के बाद एक 12 विस्फोट किए गए थे। इस हमले में 257 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 713 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इसी विस्फोट के मामले में अबू सलेम सजा काट रहा है।

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