आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संभल की निचली अदालत से कहा कि वह मुगलकालीन मस्जिद के सर्वेक्षण से संबंधित कोई आदेश पारित न करे। इसने उत्तर प्रदेश सरकार को हिंसा प्रभावित शहर में शांति एवं सद्भाव बनाए रखने का निर्देश दिया। अदालत के इस आदेश के बाद समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क की प्रतिक्रिया दी है।
संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा, ‘अल्लाह का शुक्र है माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान और कानून की रक्षा को ध्यान में रखते हुए संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद मामले में इंसाफ के तहत अहम निर्देश दिए हैं। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई।’
साथ ही कहा, ‘उच्चतम न्यायलय ने जिला प्रशासन को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वह यह सुनिश्चित करें कि संभल में शांति व्यवस्था बनी रहे, साथ ही निचली अदालत से भी कहा कि संबंधित मामले में फिलहाई कोई एक्शन न ले। मामले की अगली सुनवाई छह जनवरी के बाद होगी।’
गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को मुस्लिम पक्ष की याचिका दाखिल होने के तीन कार्य दिवसों के भीतर सुनवाई करने का आदेश दिया। इसने कहा, ‘‘हमें उम्मीद और भरोसा है कि निचली अदालत इस मामले पर तब तक आगे नहीं बढ़ेगी जब तक कि उच्च न्यायालय इस पर सुनवाई नहीं करता और इस मामले में कोई आदेश पारित नहीं करता।’’
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सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को संभल में शांति और सद्भाव बनाए रखने तथा दोनों समुदायों के सदस्यों को शामिल कर एक शांति समिति गठित करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने संभल की निचली अदालत से कहा कि वह उसके समक्ष दायर की जाने वाली किसी भी रिपोर्ट को तब तक न खोले जब तक कि उच्च न्यायालय मामले की सुनवाई न कर ले और मुस्लिम पक्ष की याचिका पर आदेश पारित न कर दे।