आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मौसम ने एक बार फिर तेवर बदलना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग ने 29 जुलाई से प्रदेश के दोनों भागों पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसी के साथ राज्य के अधिकांश जिलों में अगले 48 घंटे में मानसूनी ठंडक महसूस की जा सकेगी, हालांकि राज्य के 55 जिलों में मानसून अलर्ट प्रभावी हो चुका है।
विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आगामी दो दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका जताई गई है, जबकि 29 जुलाई से पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी मानसून की गतिविधियों में तीव्रता आने की संभावना है। इससे प्रदेश में तापमान में गिरावट और गर्मी से राहत की उम्मीद बढ़ गई है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना मानसून अवदाब अब उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश पर पहुंच कर सुस्पष्ट निम्नदाब क्षेत्र में तब्दील हो गया है। ये प्रणाली धीरे-धीरे कमजोर हो रही है, लेकिन इसके प्रभाव से देश के मध्य और उत्तरी भागों में मानसूनी गतिविधियां तेज हो गई हैं।
इस मौसमी तंत्र के साथ ही, मानसून द्रोणी अब उत्तर की ओर खिसक रही है और जम्मू-कश्मीर पर पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव भी दिखाई दे रहा है। इन दोनों कारकों के मेल से अगले 48 घंटे के भीतर प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश की स्थिति बन सकती है।
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वहीं चंदौली, गाजीपुर, बलिया, मऊ, वाराणसी, जौनपुर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में सोमवार सुबह से ही घने बादल छाए हुए हैं। चंदौली में विशेष तौर पर सुबह से ही तेज हवाओं और नमी के कारण उमस भरे मौसम ने संकेत दे दिया कि अगले कुछ घंटों में बारिश हो सकती है।