आरयू वेब टीम। एनसीपी प्रमुख शरद पवार और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के बाद अब पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी ने सोमवार को आगामी राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। गोपालकृष्ण गांधी विपक्ष की संयुक्त राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की सूची में थे, जिसमें फारूक अब्दुल्ला और शरद पवार भी थे। अब तीनों ने इस ऑफर को ठुकरा दिया है।
दिल्ली में 17 विरोधी दलों के बीच हुई बैठक में संयुक्त रूप से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने का निर्णय किया गया था। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने विरोधी दल के नेताओं की बैठक बुलाई थी। अब गोपालकृष्ण गांधी द्वारा प्रस्ताव खारिज करने के बाद पूर्व वित्तमंत्री और टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाने पर विचार किया जा रहा है।
गोपालकृष्ण गांधी ने एक बयान में कहा कि वह सर्वोच्च पद के लिए विचार किए जाने की सराहना कर रहे हैं। उनका मानना है कि विपक्ष को एक ऐसे उम्मीदवार का चयन करना चाहिए, जो राष्ट्रीय सहमति को बढ़ावा दे और ऐसे अन्य लोग भी हैं, जो उनसे बेहतर इसे पूरा कर सकते हैं।
बंगाल के पूर्व राज्यपाल ने अफवाहों के मद्देनजर अपनी टिप्पणी की जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता फारूक अब्दुल्ला ने इस अवसर को ठुकरा दिया था। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नजदीक आते ही विपक्ष के मंगलवार को इस पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा होने की संभावना है।
यह भी पढ़ें- राष्ट्रपति चुनाव को लेकर ममता की कोशिशों को झटका, कई विपक्षी दलों ने बैठक से बनाई दूरी
गोपालकृष्ण गांधी ने कहा कि प्रस्ताव को ध्यान से देखने के बाद उन्होंने विपक्ष से एक ऐसे उम्मीदवार का चुनाव करने का अनुरोध किया जो इन पार्टियों के बीच एकता लाएगा। उन्होंने लिखा, “भारत को ऐसा राष्ट्रपति मिले जो राजाजी द्वारा अंतिम गवर्नर-जनरल के रूप में पदासीन होने के योग्य हो और जिस पद डॉ राजेंद्र प्रसाद ने हमारे पहले राष्ट्रपति के रूप में काम किया है।”
दूसरी ओर, अब यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने की तैयारी की जा रही है। यशवंत सिन्हा फिलहाल टीएमसी में हैं और कट्टर विरोधी माने जाते हैं। टीएमसी के सूत्रों का कहना है कि कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने ममता बनर्जी से बातचीत के दौरान यशवंत सिन्हा के नाम पर सहमति जताई है, हालांकि अंतिम फैसला विरोधी दल की बैठक में ही होगा।