आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की विजिलेंस टीम ने लखनऊ में वाणिज्य कर के डिप्टी कमिश्नर जीएसटी धनेंद्र कुमार पांडेय को गिरफ्तार कर लिया है। धनेंद्र पांडेय लखनऊ में जीएसटी जोन-20 के डिप्टी कमिश्नर थे। शिकायत मिलने पर जीएसटी विजिलेंस की टीम ने मंगलवार शाम उन्हें सेल टैक्स ऑफिस में ही रंगे हाथों धर दबोचा।
वहीं सेल टैक्स ऑफिस में विजिलेंस टीम की दस्तक से हड़कंप मच गया। कुछ देर तक तो वहां काम कर रहे अन्य अधिकारी-कर्मचारी कुछ समझ ही नहीं पाए कि मामला क्या है, लेकिन उन्हें डिप्टी कमिश्नर धनेंद्र कुमार की गिरफ्तारी की जानकारी हुई तो सभी सकते में आ गए। बाद में जब पता चला कि रिफंड के बदले दो लाख रुपए की घूस लेते डिप्टी कमिश्नर साहब गिरफ्तार किए गए हैं तो सभी ने चुप्पी साध ली और अपने काम में व्यस्त हो गए। विजिलेंस की इस कार्रवाई की खबर फैलते ही सेल्स टैक्स के अलावा दूसरे सरकारी विभाग में भी तैनात भ्रष्ट अफसर-कर्मियों में बेचैनी बढ़ गयी है।
पुलिस अधीक्षक विजिलेंस डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि शासन की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सतर्कता अधिष्ठान पूरे प्रदेश में लोक सेवकों के खिलाफ ट्रैप की कार्यवाही कर रहा है। इसी क्रम में रिश्वत विरोधी हेल्पलाइन नंबर 9454401866 पर एक कंपनी के प्रतिनिधि ने कॉल कर बताया था कि डिप्टी कमिश्नर जीएसटी उनकी कंपनी के जीएसटी रिफंड पास करने के एवज में दो लाख रुपये की रिश्वत मांग रहें हैं।
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शिकायतकर्ता को कार्यालय बुलाकर पुलिस अधीक्षक, अभिसूचना ने उसके द्वारा किए गये कॉल के सम्बन्ध मे पूछताछ की गयी तो पता चला कि केंद्र सरकार ने वस्तुओं और सेवाओं के नियति को बढावा देने के लिए निर्यातकों को जीएसटी में विशेष छूट का प्राविधान किया है। यदि कोई फर्म निर्यात करने के प्रयोजन से विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के क्रय पर विभिन्न दरों से जीएसटी का भुगतान करती है तो वह फर्म अपने ऐसे खर्चों पर दिए गये जीएसटी का रिफंड क्लेम कर सकती है।
शिकायत व पड़ताल के बाद बिछाया जाल, फंसा घूसखोर
अरविंद चतुर्वेदी ने बताया शिकायत के बाद पड़ताल करने पर कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया था कि उनकी कंपनी आर्डेम डेटा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कई सालों से अमेरिका की कंपनी द्वारा उपलब्ध कराये गये स्कैन्ड डाटा शीटस को एक डैशबोर्ड में डिजिटल फार्म मे तैयार कर वापस भेजती है। निर्यात संबंधी इस काम में मुख्य रूप से तीन प्रकार के खर्च होते हैं, पहला व्यवस्थापन संबंधी, दूसरा डाटा एंट्री करने वालों की हायरिंग और तीसरा एडब्लूएस एमेजोन वेब सर्विसेज पर खर्च व्यय।
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उनकी कंपनी ने उक्त शीर्षकों में दिये गये जीएसटी के आधार पर करीब 20 लाख का रिफंड क्लेम किया था। यह रिफंड वाणिज्य कर ऑफिस मीराबाई मार्ग में तैनात डिप्टी कमिश्नर (जीएसटी) जोन 20 धनेन्द्र कुमार पांडेय द्वारा मंजूर किया जाना था, लेकिन फाइल की मंजूरी के लिए वह दो लाख की रिश्वत मांग रहें हैं।
कंपनी प्रतिनिधि द्वारा यह सूचना सतर्कता मुख्यालय में देने पर पुलिस अधीक्षक, अभिसूचना ने अपनी टीम को ब्रीफ किया और स्थापित प्रकिया का पालन करते हुए उक्त डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ ट्रैप की अनुमति प्राप्त की।
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एसपी विजिलेंस ने बताया कि अभिसूचना सेक्टर टीम ने जाल बिछाकर आज शाम करीब चार बजे वाणिज्य कर कार्यालय में दो लाख रूपया घूस लेते हुए डिप्टी कमिश्नर को गिरफ्तार कर लिया है। विजिलेंस थाना लखनऊ सेक्टर में मुकदमा दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।
आप से भी मांगी जा रही रिश्वत, तो करें इस नंबर पर शिकायत
साथ ही एसपी विजिलेंस डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने मीडिया के माध्यम से जनता से भी अपील की है कि अगर किसी भी विभाग में तैनात लोकसेवक उनका काम करने के एवज में घूस मांगता है तो वह रिश्व विरोधी हेल्पलाइन 9454401866 पर कॉल कर सूचना दें। रिश्वत मांगने वाले के खिलाफ विजिलेंस की टीम सरकार की मंशा के अनुरूप कार्रवाई करेगी।