आरयू इंटरनेशनल डेस्क। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जमात-उद-दावा (जेयूडी) के सरगना और मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद को पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई है। पाक मीडिया के मुताबिक हाफिज को सजा आतंकवाद से जुड़े दो मामलों और टेरर-फंडिंग के सिलसिले में सुनाई गई है। हाफिज के अलावा जमात के चार और लोगों जफर इकबाल, याहया मुजाहिद, और अब्दुल रहमान मक्की को भी सजा सुनाई गई है।
मक्की को हालांकि बस छह माह की सजा कोर्ट की तरफ से दी गई है। इसके साथ ही हाफिज सईद की संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दिया गया है। मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद आतंकी हाफिज सईद पहले ही जेल में है और इस वर्ष फरवरी में लाहौर स्थित एंटी-टेररिज्म कोर्ट की तरफ से उसे दस साल की सजा सुनाई गई थी। उस समय दो टेरर फाइनेंसिंग केसेज में हाफिज सईद को 11 साल की सजा दी गई है। वर्तमान समय में वह लाहौर की हाई सिक्योरिटी कोट लखपत जेल में बंद है।
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कोर्ट अधिकारी के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआइ ने बताया है कि लाहौर स्थित एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने जेयूडी के चार लीडर्स को सजा सुनाई है जिसमें हाफिज सईद भी शामिल है। उसे दो और केसेज में सजा दी गई है। दर्ज हैं 41 अलग-अलग केस जज अरशद हुसैन बूट्टा ने हाफिज सईद को सजा सुनाई। पाक के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट की तरफ से अब हाफिज समेत जेयूडी के कुछ और नेताओं के खिलाफ 41 केस दर्ज किए जा चुके हैं।
इनमें से 24 पर फैसला आ चुका है, जबकि कुछ अभी तक कोर्ट में अटके हुए हैं। सईद, लकश्र-ए-तैयबा का संस्थापक है और इसी संगठन की तरफ से 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकी हमलों को अंजाम दिया गया था। उन हमलों में 166 लोग मारे गए थे, जिसमें छह अमेरिकी भी शामिल थे। अमेरिका के वित्त विभाग ने हाफिज को आतंकी का दर्जा दिया है। दिसंबर 2008 में यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल के 1267 रेजोल्यूशन के तहत मोस्ट वॉन्टेड आतंकी घोषित किया गया था।