आरयू ब्यूरो, लखनऊ/कानपुर। हमने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकाने घर में घुसकर तबाह कर दिए। हमारी सेना ने ऐसा पराक्रम दिखाया कि पाकिस्तानी सेना को गिड़गिड़ाकर युद्ध रोकने की मांग करने पर मजबूर होना पड़ा। स्वतंत्रता संग्राम की इस धरती से सेना के शौर्य को बार-बार सैल्यूट करता हूं। मैं फिर कहना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो दुश्मन गिड़गिड़ा रहा था वो किसी धोखे में न रहे। ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है।
ये बातें प्रधानमंत्री मोदी ने कानपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही। दरअसल कानपुर में ये कार्यक्रम 24 अप्रैल को होने वाला था, लेकिन पहलगाम हमले के कारण मोदी को कानपुर दौरा रद्द करना पड़ा था। पीएम ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में हमारे कानपुर के बेटे शुभम द्विवेदी भी बर्बरता का शिकार हुए। बेटी ऐशान्या की पीड़ा हम सब मसूस कर सकते हैं। हमारी बेटियों-बहनों का वही आक्रोश ऑपरेशन सिंदूर के रूप में पूरी दुनिया ने देखा है, जिस ब्रह्मोस मिसाइल ने ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मनों को सोने नहीं दिया, उसका भी नया पता है ‘उत्तर प्रदेश’ है।
आगे कहा कि भारत ने आतंक के खिलाफ अपनी लड़ाई में तीन सूत्र तय किए हैं। पहला- भारत हर आतंकी हमले का करार जवाब देगा। उसका समय, तरीका और शर्तें हमारी सेनाएं तय करेंगी। दूसरा- भारत अब एटम बम की गीदड़भभकी से नहीं डरेगा न ही उसके आधार पर कोई फैसला लेगा। तीसरा- आतंक के आका और आतंक की सरपरस्त सरकार को भारत एक ही नजर से देखेगा। पाकिस्तान का स्टेट और नॉन स्टेट एक्टर वाला खेल चलने वाला नहीं है। सीधे-सीधे कनपुरिया में कहूं तो दुश्मन कहीं भी हौंक दिया जाएगा।
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मोदी ने अपनी सरकार की बढ़ाई करते हुए आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने भारत के स्वदेशी हथियारों और मेक इन इंडिया की ताकत भी देखी है। हमारे भारतीय हथियारों ने व ब्रह्मोस मिसाइल ने दुश्मन के घर में घुसकर तबाही मचाई है, जहां टारगेट तय किया। वहां धमाके किए। ये ताकत हमें आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से मिली है।
पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात…
प्रधानमंत्री ने कहा, पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि वो डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता में बड़ी भूमिका निभा रहा है। जैसे कानपुर में पुरानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री है, ऐसी सात ऑर्डिनेंस फैक्टियों को हमने बड़ी आधुनिक कंपनियों में बदल दिया है। आज देश का बड़ा डिफेंस कॉरिडोर यूपी में बन रहा है। एक समय जहां से उद्योग पलायन कर रहे थे, वहां अब डिफेंस सेक्टर की बड़ी कंपनियां आ रही हैं। अब अपने कानपुर में आधारभूत संरचनाएं, सुविधाएं और वो सभी संसाधन दिखने लगे हैं जो बड़े-बड़े मेट्रो शहर में होते हैं। कानपुर मेट्रो इस बात का सबूत है कि अगर सही इरादों, मजबूत इच्छाशक्ति और नेक-नीयत वाली सरकार हो तो देश और प्रदेश के विकास के लिए कैसे ईमानदारी से प्रयास होते हैं।
कानपुर को बड़ी सौगात-
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दौरे पर कानपुर को योजनाओं की सौगात दी है। उन्होंने 47 हजार 600 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल तक कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के नए अंडरग्राउंड सेक्शन का उद्घाटन किया। इस सेक्शन में पांच अंडरग्राउंड स्टेशन (चुन्नीगंज, बड़ा चौराहा, नवीन मार्केट, नयागंज और कानपुर सेंट्रल) शामिल हैं। कानपुर मेट्रो के इस विस्तार से लाल इमली, जेड स्क्वायर मॉल, ग्रीन पार्क स्टेडियम, परेड ग्राउंड, बुक मार्केट और सोमदत्त प्लाजा जैसे महत्वपूर्ण स्थान मेट्रो से सीधे जुड़ जाएंगे। मौजूदा समय में आईआईटी कानपुर से मोतीझील तक नौ स्टेशन परिचालन में हैं।