हाई कोर्ट ने यूपी के स्कूलों के विलय पर लगाई रोक, पुरानी व्यवस्था बहाल रखने का आदेश

सरकारी स्कूल
फाइल फोटो।

आरयू ब्यूरो, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के सीतापुर में प्राथमिक स्कूलों के विलय मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई। प्रदेश के लगभग पांच हजार सरकारी स्कूलों के विलय पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ की बेंच ने रोक लगा दी है। अदालत ने इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने व पूरानी व्यवस्था बनाए रखने का आदेश दिया। साथ ही अगली सुनवाई 21 अगस्त के लिए निर्धारित की है।

मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मनीष कुमार और न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की डबल बेंच ने ये आदेश
पारित किया। इससे पहले इस मामले में सिंगल बेंच ने सरकार के फैसले को सही ठहराया था, जिसके खिलाफ अपील दायर की गई थी।

याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क दिया गया कि सरकारी स्कूलों का इस प्रकार विलय करना निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई एक्ट) का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया कि इससे गरीब और दूरदराज के बच्चों की शिक्षा बाधित होगी।

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वहीं इस मामले में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि स्कूलों का मर्जर पूरी तरह से नियमों के अनुसार किया गया है। मर्जर के बाद खाली हुए भवनों का उपयोग ‘बल वाटिका स्कूल’ के रूप में और आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला शैक्षिक संसाधनों के बेहतर उपयोग के उद्देश्य से लिया गया है। फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार को इन स्कूलों में किसी प्रकार की बदलाव की प्रक्रिया पर रोक लगानी होगी।

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