सिविल सर्विसेज, बैंकिंग की तैयारी कर रहे छात्रों समेत किशोरी ने दी जान, डाक्टर ने भी खुद को गोली से उड़ाया

sucide in lucknow

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। राजधानी के तीन अलग-अलग इलाकों में आज दो होनहार छात्रों समेत एक किशोरी ने फांसी लगाकार जान दे दी। आत्‍महत्‍या करने वाला एक छात्र जहां सिविल सर्विसेज की तो दूसरा बैंकिंग की तैयारी कर रहा था, जबकि किशोरी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं बताई जा रही है।

घरवालें दवे से ज्‍यादा झाड़-फूंक के जरिए उसका इलाज करवा रहे थे। पुलिस शवों को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही घटना के कारणों का पता लगा रही है। घटना से परिजनों में रोना-पीटना मचा है।

इसी क्रम में रात करीब सात बजे महानगर स्थित फातिमा अस्‍पताल के पास डाक्‍टर जयदीप सरकार,(45) ने खुद को गोली मारकर जान दे दी। महानगर पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल कर रही है। बताया जा रहा है डाक्‍टर इरा मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर होने के साथ ही पुरनिया में भाई के साथ अपनी निजी क्लिनिक चलाते थे।

jaideep sarkar sucide
डॉ. जयदीप सरकार (फाइल फोटो)

घटना के समय घर में पिता पत्‍नी समेत परिवार के अन्‍य सदस्‍य मौजूद थे। घरवालों ने पुलिस को बताया कि मकान की छत पर पहुंचे जयदीप ने रिवाल्‍वर से कनपटी पर सटाकर गोली मार ली। गोली की आवाज सुन छत पर पहुंचे परिजनों ने उन्‍हें ट्रामा सेंटर पहुंचाया। जहां डाक्‍टरों ने जांच के बाद उन्‍हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस को उनके पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें डाक्‍टर जयदीप ने अपनी बड़ी बेटी की बिमारी से परेशान होकर मौत को गले लगाना बताया है।

अपने हंसमुह स्‍वाभाव के लिए पहचाने जाने वाले डा. सरकार केजीएमयू से भी जुड़े बताए जा रहे है। उन्‍होंने ऐसा कदम क्‍यों और किन परिस्थितियों में उठाया इसका अभी पता नहीं चल सका है। एसपी टीजी दुर्गेश कुमार के अनुसार पुलिस रिवाल्‍वर को कब्‍जे में लेने के साथ ही घटना के संबंध में परिजनों से पूछताछ कर रही है।

दूसरी ओर सीतापुर जिले के मिश्रिख निवासी गया प्रसाद का पुत्र जितेन्‍द्र(29) मडि़यांव क्षेत्र की प्रियदर्शी कालोनी में किराए पर कमरा लेकर दो वर्षों से सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था। दो दिन से जितेन्‍द्र को कमरे से बाहर नहीं निकलता देख आज घर के दूसरे तल पर रहने वाले मकान मालिक ने इसकी जानकारी जितेन्‍द्र के घरवालों को दी।

सूचना पाकर मौके पर पहुंचे उसके भाई दीपक ने किसी तरह दरवाजा खोला तो अंदर नायलॉन की रस्‍सी के सहारे जितेन्‍द्र की लाश लटक रही थी।

सिर्फ आईएएस बनना चाहता था जितेन्‍द्र

दीपक ने पुलिस को बताया कि जितेन्‍द्र दो बार सिविल सर्विसेज की लिखित परीक्षा पास कर चुका था, लेकिन दोनों ही बार इंटरव्‍यू में छंट गया। पीओ के लिए उसे तीन बैंकों से ऑफर थे, एक जगह उसने कुछ समय नौकरी भी की, लेकिन आईएएस बनने की धुन के चलते वह लखनऊ आकर फिर से तैयारी करने लगा।

मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिलने से अंदाजा लगाया जा रहा है कि महत्‍वाकांक्षा के दबाव में आकर जितेन्‍द्र ने जान दी होगी। जितेन्द्र के परिवार में कई लोग प्रतिष्ठित पदों पर तैनात है।

कल ही गाजियाबाद से आया था लखनऊ

बताया जा रहा है कि गाजीपुर जिले के दिनेश गुप्‍ता का बड़ा बेटा रवि(25) गाजियाबाद में रखकर बैंकिंग की तैयारी कर रहा था, जबकि छोटा बेटा गौरव कपूरथला स्थित एक हॉस्‍टल में रहकर एसएससी की कोचिंग करता है।

कल रवि गाजियाबाद से गौरव के हॉस्‍टल पहुंचा और यहीं रहकर आगे की तैयारी की बात कही। आज सुबह साढ़े दस बजे दोनों भाईयों ने साथ में नाश्‍ता किया। जिसके बाद गौरव छत पर पढ़ाई करने चला गया।

दिन में नीचे उतरा तो अंदर से कमरा बंद देख उसने रोशनदान से भीतर झांका। कमरे में पंखे के सहारे रवि की लाश लटक रही थी।

जाना था झाड़-फूंक के लिए दी जान

जानकीपुरम के कमला नगर निवासी राजेश कुमार कश्‍यप की 17 वर्षीय बेटी मोना की काफी समय से मानसिक स्थिति ठीक नहीं चल रही थी। आज दोपहर डेढ़ बजे मोना ने मौका पाकर दुपट्टे के सहारे पंख से फांसी लगाकर आत्‍महत्‍या कर लिया।

बेटी की लाश पंखे से झूलती देख घरवालों में रोना-पीटना मच गया। किशोरी के परिजनों ने पुलिस को बताया कि मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से मोना का इलाज चल रहा था। इसी वजह से उसकी पढ़ाई भी छूट चुकी थी।

कल भी घरवाले झाड़-फूंक के लिए मोना को लेकर कही जाने वाले थे। किशोरी के आत्महत्‍या के पीछे घरवालों के अंधविश्‍वास को भी वजह समझा जा रहा है। फिलहाल पुलिस की जांच जारी है।