आरयू नेशनल डेस्क।
कला, संस्कृति और प्रचीनता के लिए दुनिया भर में मशहूर भारत अपने अंदर आज भी अनगिनत रहस्य समेंटे हुए है। कई सवालों के जवाब के लिए देश भर के वैज्ञानिक अब तक परेशान हैं। लाख प्रयासों के बाद भी वैज्ञानिक कई अनसुलझी गुत्थियों में उलझे हैं। आइयें जानते हैं लोगों के डराने और वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बने रहस्यों को।
रात में खुद ही बंद हो जाता हैं इस मंदिर का दरवाजा, रुकने पर मिलती हैं मौत
वृंदावन में एक मंदिर ऐसा भी हैं जहां रात होते ही खुद ही मंदिर का दरवाजा बंद हो जाता हैं। यहां रात में गलती से भी रुकने वाले की मौत हो जाती हैं। माना जाता हैं कि है कि भगवान श्रीकृष्ण और राधा आज भी आधी रात के बाद यहां रास रचाते हैं।
जिसके बाद परिसर में ही स्थित रंग महल में शयन करते हैं। अंधेरा होने से पहले ही रंग महल में प्रसाद के तौर पर पुजारी माखन और मिश्री प्रतिदिन रखना नहीं भूलते। इतना ही नहीं सोने के लिए पलंग भी लगाया जाता है। सुबह पलंग देखने पर आपकों पता चल जाएगा कि रात में इस पर कोई सोया था।
इसके साथ ही प्रसाद भी किसी ने ग्रहण कर लिया हैं। के पुजारी अंधेरा होने से पहले ही मंदिर में पलंग और प्रसाद की व्यवस्था कर देते हैं। मान्यता के अनुसार अंधेरा होने के बाद मंदिर में इंसान तो दूर की बात हैं, पशु-पक्षी भी नहीं रहते।
अश्वत्थामा क्या अब तक जिंदा हैं !
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माना जाता हैं कि महाभारत के अश्वत्थामा आज तक जिंदा हैं। मान्यताओं के अनुसार पिता की मौत का बदला लेने निकले अश्वत्थामा से हुई एक गलती के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें युगों तक भटकने का श्राप दे दिया था। जिसके बाद करीब पांच हजार सालों से अश्वत्थामा भटक रहे हैं।
एमपी के बुरहानपुर जिले के पास असीरगढ़ का किला है। इलाकाई लोगों के अनुसार किले में स्थित शिव मंदिर में अश्वत्थामा आज भी पूजा करने आते हैं।
पूजा से पहले वह किले में बने तालाब में नहाते हैं। लोगों का मानना हैं कि अश्वत्थामा को जिसने भी देखा उसका मानसिक संतुलन सदा के लिए बिगड़ गया। बंरहानपुर के साथ ही जबलपुर शहर में नर्मदा नदी के गौरीघाट पर भी अश्वत्थामा के भटकने की किस्से मशहूर हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार वह आज भी सिर से बहते खून को रोकने के लिए तेल और हल्दी की मांग करते हैं। हालांकि इन किस्से के अभी तक कोई प्रमाणिक प्रमाण नहीं मिले हैं।