INS विराट को तोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

आइएनएस विक्रमादित्य

आरयू वेब टीम। भारतीय नौसेना से रिटायर हो चुके विमानवाहक पोत आइएनएस विराट को तोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रोक लगा दी। कोर्ट ने इसके तोड़ने की प्रक्रिया पर स्टे लगाने के साथ ही कहा कि जब तक अगला आदेश नहीं आ जाता तब तक यथास्थिति बनी रहे।

दरअसल आइएनएस विक्रमादित्य के आने के बाद विराट को चार साल पहले भारतीय नौसेना से रिटायर किया गया था। जिसके बाद आइएनएस विराट को गुजरात के भावनगर के श्रीराम ग्रुप ने खरीदा था और उसे कबाड़ के तौर पर तोड़ा जा रहा है। मौजूदा वक्त में 300 प्रशिक्षित श्रमिक इसको तोड़ने का काम कर रहे हैं। जिस वजह से इसका 30 प्रतिशत हिस्सा टूट भी गया है। आइएनएस विराट मजबूत स्टील से बना है और काफी हिस्सा पूरी तरह से बुलेटप्रुफ है। श्रीराम कंपनी इसे तोड़कर इसका स्टील निकालकर बेचेगी।

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वहीं इसके बाद एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स लिमिटेड नाम की कंपनी ने सौ करोड़ रुपये का भुगतान कर आइएनएस विराट को बतौर संग्रहालय संरक्षित करने की मांग की थी। वहीं इसके बिकने की प्रक्रिया का बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध किया। साथ ही वो सरकार से इसे संग्राहलय में तब्दील करने की मांग कर रहे थे।

करीब 30 साल भारतीय नौसेना की शान रहे आइएनएस विराट को छह मार्च, 2017 को भारतीय नेवी की सेवा से मुक्त कर दिया गया था। ये जहाज भारत से पहले ब्रिटेन की रॉयल नेवी में एचएमएस हर्मिस के रूप में 25 साल तक अपनी सेवाएं दे चुका था। इसके बाद 1987 में आइएनएस विराट को इंडियन नेवी में शामिल किया गया।

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