आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सभी सात जोन में करीब डेढ़ सौ इंजीनियर व कर्मचारियों की तैनाती के बाद भी एलडीए लखनऊ में होने वाले अवैध निर्माणों पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है। इसके पीछे इंजीनियरों द्वारा ही बेहद संगठित तरीके से ठेका लेकर अवैध निर्माण कराने की बात सामने आ रही है।
वहीं इन सबके बीच मंगलवार को हुई बैठक के बाद एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने रोकने की जगह अवैध निर्माण कराने वाले और अवैध निर्माण रोकने में नाकाम इंजीनियरों के खिलाफ खाका खीचते हुए भ्रष्ट और लापरवाह इंजीनियरों के लिए चेतावनी जारी की है।
अभिषेक प्रकाश ने अवैध निर्माणों को रोकने की प्रभावी कार्रवाई न करने पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि अब अवैध निर्माण न रोकने वाले प्रवर्तन के अभियंताओं पर कार्रवाई की जाएगी।
डीएम ने आज कहा है कि उनके द्वारा प्रत्येक कार्य दिवस में शाम छह से सात बजे तक एक या दो जोन की समीक्षा बैठक की जायेगी। समीक्षा बैठक से पहले क्षेत्रीय जनता से शाम पांच से छह बजे तक अवैध निर्माणों के संबंध में फीडबैक व जानकारी की ली जाएगी। जनता के फीडबैक के आधार पर इंजीनियरों पर कार्रवाई की जाएगी।
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समीक्षा बैठक के लिए आज उपाध्यक्ष ने जोनवार तिथि निर्धारित करते हुए कहा है कि सोमवार को जोन एक, मंगलवार को जोन दो, बुधवार को जोन तीन, बृहस्पतिवार को जोन चार, शुक्रवार को जोन पांच तथा शनिवार को जोन छह और सात की समीक्षा बैठक होगी।एलडीए उपाध्यक्ष के इस आदेश के बाद रसूख व रिश्वत के दम पर लंबे समय से प्रवर्तन में जमे इंजीनियरों में हड़कंप है।
बताते चलें कि लंबे समय से यह बात उठती रही है कि एलडीए जनता की करोड़ों की बिल्डिंग को सील करने से लेकर ढहाने तक में नहीं चूकता, लेकिन रिश्वत व लापरवाही के चलते संबंधित अवैध निर्माण होने के दौरान इलाके में तैनात इंजीनियर व कर्मचारियों को एक नोटिस देना तक जरूरी नहीं समझता।
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एलडीए के आलाधिकारियों की इन्हीं मेहरबानियों के चलते हालात यहां तक बिगड़ चुके हैं, एलडीए के जहां कई जेई प्रति माह, प्रति स्लैप व फीनिशिंग के आधार पर लखनऊ में खुलेआम अवैध निर्माण का ठेका लेने लगे हैं।
वहीं कुछ अधिशासी अभियंता भी उन्ही जेई को सबसे बड़ा व अवैध निर्माण कराने के लेहाज से महत्वपूर्ण इलाका सौंप रहें जो इस काले धंधे में अधिक से अधिक वसूली कर उनकी भी झोली भर सके।
यहां तक की कमाई कराने वाले इन जूनियर इंजीनियरों के लिए एलडीए के बड़े इंजीनियर शासन तक के आदेशों को दरकिनार कर एक ही जोन या फिर क्षेत्र में सालों तक उन्हें जमा रहने देते हैं।