केंद्र सरकार ने PFI को पांच सालों के लिए किया बैन, घोषित हुई गैरकानूनी संस्था

पीएफआइ पर बैन

आरयू वेब टीम। केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), उसके सहयोगियों और तमाम मोर्चों को गैरकानूनी घोषित कर दिया है। केंद्र ने इन सभी पर पांच साल का बैन लगाया है। केंद्र सरकार ने इसे आधिकारिक गजट में भी प्रकाशित किया है। पीएफआई को बैन करने की तैयारी पहले ही शुरू हो गई थी, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने यह आदेश जारी कर दिया।

मंगलवार को भी पीएफआइ पर केंद्र सरकार का एक्शन जारी रहा। देश के छह राज्यों में पीएफआई के विभिन्न ठिकानों पर की गई कार्रवाई में उसके 90 से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है।

कट्टर इस्लाम का प्रसार करने के आरोपों का सामना कर रहे पीएफआई के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई पांच दिन पहले भी की गई थी। छापेमारी की कार्रवाई कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश की राज्य पुलिस ने की। एनआइए की अगुआई में विभिन्न एजेंसियों की टीमों ने 22 सितंबर को देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में पीएफआई के खिलाफ 15 राज्यों में छापेमारी की थी और उसके 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। एनआईए, पीएफआई से जुड़े 19 मामलों की जांच कर रही है।

संबंधित राज्यों की पुलिस ने अपने-अपने इलाकों में मंगलवार को छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिस ने असम में 25, महाराष्ट्र में चार और दिल्ली में 30 लोगों को हिरासत में लिया है। मध्य प्रदेश में 21, गुजरात में दस लोगों को और कर्नाटक में भी कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। असम के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न जिलों से पीएफआई के 25 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।

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मालूम है कि पीएफआइ की स्थापना 2006 में केरल में की गई थी और वह भारत में हाशिये पर पड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का दावा करता है। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि पीएफआई कट्टर इस्लाम का प्रचार कर रहा है। इस संगठन की स्थापना केरल में की गई थी और इसका मुख्यालय दिल्ली में है।

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