कोयला ब्लॉक आवंटन केस में पूर्व सांसद व बेटे को मिली चार साल की सजा, जुर्माना भी लगा

जनहित याचिका

आरयू वेब टीम। छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लॉक आवंटन में घोटाले से जुड़े एक मामले में बुधवार को दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व राज्यसभा सदस्य विजय दर्डा और उनके बेटे देवेंद्र दर्डा को चार साल जेल की सजा सुनाई है। जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मनोज कुमार जयासवाल को भी चार साल जेल की सजा मिली, जबकि पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और दो अन्य अधिकारियों केएस क्रोफा और केसी समारिया को तीन साल जेल की सजा मिली।
साथ ही कोर्ट की ओर से सजा के तौर पर मेसर्स जेएलडी यवतमाल पर 50 लाख का जुर्माना भी लगाया है।

इस महीने की शुरुआत में, स्पेशल न्यायाधीश संजय बंसल ने उन्हें भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने कहा कि कोयला आवंटन घोटाले में 13वीं सजा सुनिश्चित की गई है, जिसने 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार को हिलाकर रख दिया था।

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सजा की मात्रा पर बहस के दौरान, सीबीआइ अधिकतम सजा की मांग करते हुए दावा किया कि दर्डा और उनके बेटे देवेंद्र ने जांच को प्रभावित करने के लिए पूर्व सीबीआइ रंजीत सिन्हा से उनके आवास पर मुलाकात की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कोयला घोटाला मामलों की जांच को प्रभावित करने की कोशिश करने के प्रथम दृष्टया आरोपों में सिन्हा की भूमिका की जांच के लिए एक एसआइटीका गठन किया था।

सीबीआइ के सीनियर पब्लिक प्रोसिक्यूटर एपी सिंह ने आगे दावा किया कि मामले के एक गवाह ने कहा कि उसे जयसवाल ने धमकी दी थी, जिसने उसे उसके खिलाफ गवाही न देने के लिए प्रभावित करने की कोशिश की थी।

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