आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में ठंड के साथ कई जिलों का प्रदूषण स्तर इन दिनों बढ़ा हुआ है। बुधवार को लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स सुबह 338 था, वहीं दोपहर दो बजे 210 एक्यूआइ दर्ज किया गया। शहर के इंडस्ट्रियल एरिया का प्रदूषण स्तर भी काफी बढ़ा हुआ है।
वहीं यूपी के ही हापुड़, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ जैसे जिलों का एक्यूआइ लगभग 400 तक पहुंच गया है। प्रदूषण के कारण लोगों को कहीं दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा। ऐसे मरीज जिन्हें सांस की बीमारी है, उन्हें खास दिक्कत हो रही है।
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ में छह जगह ऐसी हैं, जहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स आमतौर पर बढ़ा रहता है। सुबह और शाम इन दिनों यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ा रहता है। बुधवार को लालबाग का एक्यूआइ 280, तालकटोरा इंडस्ट्रियल एरिया का 372, केंद्रीय विद्यालय का 231, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी का 187, गोमतीनगर का 209, कुकरैल पिकनिक स्पॉट का एक्यूआई 109 रहा।
सीपीसीबी रिपोर्ट के मुताबिक कुछ जिलों का एक्यूआइ 300 के पार है। बुधवार को गाजियाबाद का एक्यूआइ 338, गोरखपुर का 210, ग्रेटर नोएडा का 355, हापुड़ का 394, कानपुर 212, लखनऊ का 270, मेरठ का 271, मुरादाबाद का 170, मुजफ्फरनगर का 263, नोएडा का 377, प्रयागराज का 163, वाराणसी का 171 और वृंदावन का एक्यूआई 174 रहा।
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आइआइटीआर के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण ने मीडिया को बताया कि इस समय उत्तर प्रदेश का प्रदूषण स्तर काफी बड़ा हुआ है। वहीं प्रदूषण का स्तर इस कदर है कि जो स्वस्थ व्यक्ति है, उसको भी सांस लेने में बाहर तकलीफ होती है या फिर बाहर निकलते समय खांसी आनी शुरू हो जाती है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग है सोच लेते हैं कि शायद इस मौसम में खांसी सर्दी जुकाम होता है। सर्दी जुकाम के अलावा खांसी की समस्या प्रदूषण के कारण भी होती है, लेकिन लोग इस बात की ओर ध्यान नहीं देते हैं।



















