आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पुरानी पेंशन की बहाली, तदर्थ शिक्षकों का परमानेंट करने समेत कई अन्य मांगों को लेकर
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले बुधवार को माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन सभी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालयों में हुआ। धरना-प्रदर्शन खत्म होने के बाद डीआइओएस और संयुक्त शिक्षा निदेशक के माध्यम से सीएम को संबोधित 31 सूत्री ज्ञापन भेजा गया।
संघ के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्रा ने बताया कि लखनऊ में सिटीजन चार्टर लागू करने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग को लेकर शिक्षक दूसरा ज्ञापन डीआइओएस को देंगे। वहीं सीएम को भेजे जाने वाले 31 सूत्री ज्ञापन में पुरानी पेंशन की बहाली, तदर्थ शिक्षकों का परमानेंट करने, ऑफलाइन तबादला किए जाने, वित्त विहीन विद्यालयों मे कार्यरत शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन दिलाने जैसी महत्वपूर्ण मांगें शामिल हैं।
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आरपी मिश्रा ने बताया हमारी वही पुरानी मांगें हैं, जो लंबे समय से पूरी नहीं की गई। ऐसे में हम आज धरना दे रहे हैं। लखनऊ में छह मार्च 2025 को शिक्षा निदेशक ने शिक्षक संघ की मांग पर सिटीजन लागू किया था। इसे सही मायने में अमल नहीं लाया जा रहा। शिक्षकों को इससे कोई फायदा नहीं मिल रहा। लखनऊ के लेखा विभाग में भ्रष्टाचार हावी है, जिसके शिकार शिक्षक हो रहे हैं। डीआइओएस आफिस दलालों का अड्डा बन चुका है। ऐसी ही कई मांगों को लेकर आज धरना दिया गया है। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपेंगे।
शिक्षकों की मुख्य मांगें-
• चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 12, 18 और 21 की माध्यमिक शिक्षा अधिनियम में शामिल किया जाए। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग 2023 विधेयक की धारा 11(छह) को खत्म किया जाए।
• पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
• राजकीय शिक्षकों की तरह माध्यमिक शिक्षकों को भी केशलैस इलाज की सुविधा भी मिले।
• सरकार ने नौ नवंबर 2023 को शासनादेश देकर हटाए गए तदर्थ शिक्षकों को पुनः बहाल किया जाए।
• वित्त विहीन स्कूलों के शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन का नियम लागू किया जाए।
• ऑफलाइन ट्रांसफर लिस्ट तुरंत जारी किया जाए।
• आठवें वेतन आयोग का जल्द गठन किया जाए।
• एनपीएस के तहत सुविधा सहित रिटायर हुए शिक्षकों को रिटायरमेंट बेनिफिट दिया जाए।
• स्कूलों में तैनात व्यवसायिक शिक्षकों को भी पूर्णकालिक दर्जा दिया जाए।
• कोरोना काल में रोके महंगाई भत्ते का पुनः भुगतान किया जाए।
• विभागीय भ्रष्टाचार तत्काल खत्म किया जाए।