आरयू वेब टीम। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए उन्हें लोकतंत्र और संविधान के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। खड़गे ने संसद, चुनाव आयोग, ईवीएम, अभिव्यक्ति की आजादी, मीडिया और न्याय व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए।
चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए खड़गे ने कहा कि चुनाव आयोग अब निष्पक्ष संस्था नहीं रह गई, बल्कि “कठपुतली” बन चुकी है। उनका आरोप था कि “आज चुनाव मोदी नहीं जीतते, मशीन जीतती है।” उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि कुछ ही महीनों में महाराष्ट्र जैसे राज्य में वोटरों की संख्या अचानक आठ प्रतिशत कैसे बढ़ गई?
वहीं कांग्रेस नेता ने कहा कि आज देश में “अघोषित आपातकाल” लागू है, जहां सत्ता पक्ष संविधान की आत्मा को कुचलने में लगा है। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए खड़गे बोले “संविधान बचाने वाले देश के लोग और कांग्रेस पार्टी हैं, ना कि वे लोग जो बाबा साहेब के बनाए संविधान को जलाते रहे हैं।”
खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर देश में “संविधान हत्या दिवस” मनाया जाए, लेकिन सच्चाई ये है कि असली संविधान का संकट आज मोदी शासन में है। सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर दिया है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचला जा रहा है और लोकतंत्र की आत्मा को मारने की कोशिश हो रही है।
खड़गे ने मोदी सरकार पर असहिष्णु होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब सरकार के खिलाफ बोलना “देशद्रोह” बन चुका है। छात्रों को जेल में डाला जा रहा है, पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “जिस सरकार में सहिष्णुता नहीं है, वह हमें लोकतंत्र और संविधान का उपदेश न दे।” वहीं पीएम मोदी की विदेश नीति और आत्मप्रशंसा पर भी हमला बोलते हुए कहा कि ट्रंप बार-बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत- पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की, लेकिन मोदी सरकार ने कभी कोई जवाब नहीं दिया।
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इतना ही नहीं “जब ट्रंप जैसे नेता भारत को डरा रहे हैं, तो फिर किस बात के विश्वगुरु बनते हो?” कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिन लोगों का आजादी की लड़ाई और संविधान निर्माण में कोई योगदान नहीं रहा, वे आज आपातकाल की दुहाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “रामलीला मैदान में संविधान जलाने वालों, गांधी- नेहरू-अंबेडकर के पुतले फूंकने वालों को आज संविधान की बात करते देखना दुखद है।”