आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को बड़ा ऐलान किया है। बसपा मुखिया ने कहा कि हमारी पार्टी अब कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी। ईवीएम के जरिये फर्जी वोट डाले जा रहे हैं। मायावती ने कहा कि जब तक चुनाव आयोग उपचुनावों में फर्जी वोट्स को रोकने का पूरी व्यवस्था नहीं करती, तब तब बसपा देश में कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी।
बसपा चीफ ने कहा कि पहले देश में बैलट पेपर के जरिए चुनाव कराए जाते थे। इसमें चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर फर्जी वोट डाले जाते थे। अब तो ईवीएम के जरिए भी ये कार्य किया जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए बड़े दुख और चिंता की बात है। इतना ही नहीं, बल्कि देश में लोकसभा और राज्यों में विधानसभा चुनाव और खासकर उपचुनाव में तो ये कार्य खुलकर किया जा रहा है। ये सब हमें हाल ही में हुए यूपी उपचुनाव में देखने को मिला है।
चुनाव आयोग कोई सख्त कदम नहीं उठाता
साथ ही कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी इसको लेकर आवाजें उठी हैं। अपने देश में ये लोकतंत्र के लिए बहुत बड़े खतरे की घंटी है। ऐसी स्थिति में हमारी पार्टी ने फैसला किया है, जब तक देश में फर्जी वोटों को रोकने के लिए चुनाव आयोग कोई सख्त कदम नहीं उठाता है तब बसपा देश में खासकर कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी। मायावती ने कहा कि आम चुनाव में सरकारी मशीनरी का जनता पर डर या दबाव नहीं होता है।
बसपा अपना खर्चा खुद उठाती
बसपा मुखिया ने आगे कहा कि हमारी पार्टी देश में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव दमदारी से लड़ेगी। 2007 में बसपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनने से बाकी पार्टियां डरने लगी थी, जिसे रोकने के लिए जातिवादी पार्टी कांग्रेस, भाजपा ने कई पार्टियां बना दी, जबकि हमारी पार्टी बसपा अपना खर्चा खुद उठाती है। इसके साथ ही अब ये विरोधी पार्टियां अपना वोट ट्रांसफर करवा के एमएलए बेच रही है इसलिए दलित पिछड़े आदिवासी इन सब को अपना वोट देकर खराब न करे बल्कि एक मात्र हितैषी पार्टी बसपा को दे।
संभल में काफी तनाव की स्थिति
इतना ही नहीं बसपा सुप्रीमों ने कहा कि वर्तमान में समय की यही मांग है कि इन लोगों की साजिश से सावधान रहें। बसपा चीफ ने कहा कि इस चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने की कोशिश की है। कल यूपी में उपचुनाव में अप्रत्याशित नतीजे आए हैं। संभल में काफी तनाव की स्थिति है। वहां सर्वे के दौरान जो हिंसा हुई है, उसके लिए यूपी सरकार और शासन और प्रशासन जिम्मेदार है। मैं वहां के लोगों से शांति व्यवस्था बनाने की मांग करती हूं।
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बता दें कि यूपी उपचुनाव में बसपा की शर्मनाक हार हुई। बसपा ने सभी नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसे जीत कहीं नसीब नहीं हुई। और तो और कई सीटों पर उसे 1000 के आसपास वोट मिले। अगर सभी नौ सीटों के वोट को जोड़कर देखें तो बसपा को टोटल एक लाख 32 हजार 929 वोट मिले। मतलब यूपी उपचुनाव में बसपा पूरी तरह से हाशिए पर रही। 2024 के लोकसभा में भी बसपा अपना खाता नहीं खोल सकी।