आरयू वेब टीम।
मॉब लींचिंग को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इशारों-इशारों में भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भारत अब एक ऐसा देश बन गया है जहां या तो आप इस तरफ हैं या उस तरफ और इसके बीच सहिष्णुता के लिए कोई जगह नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने पुणे अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में कहा कि आज राम के नाम पर लोगों की हत्या कर दी जाती है। क्या यही हमारा भारत है, क्या यही हिंदू धर्म है?
थरूर ने कहा कि ‘पिछले छह सालों में हमने क्या देखा है? इसकी शुरुआत पुणे में मोहसिन शेख की हत्या से हुई फिर, मोहम्मद अखलाक को गोमांस रखने का आरोप लगाकर मार दिया गया, लेकिन बाद में ऐसी खबर आई कि गोमांस नहीं था। अगर गोमांस था, ”पहलू खान डेयरी फार्मिंग के लिए गाड़ी से गाय ले जा रहा था। उसके पास लाइसेंस था, लेकिन उसे भी मौत के घाट उतार दिया गया। एक चुनाव परिणाम ने ऐसे लोगों को इतनी ताकत दी कि वे कुछ भी करें और किसी को भी मार दें?” तो यह अधिकार किसने दिया कि किसी व्यक्ति की हत्या कर दी जाए?”
थरूर ने दावा किया कि हिंदुत्व न सिर्फ भारतीय समाज, सभ्यता और संस्कृति का आधार है बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र की भी मजबूती है। बीजेपी पर निशाना साधते हुए थरूर ने कहा कि भारत में राजनीति का ध्रुवीकरण हुआ है और इसके लिये खासतौर पर सत्ताधारी दल के कृत्य और पसंद जिम्मेदार हैं।
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“ट्रूली योर्स” शीर्षक वाले एक सत्र में “वाई आई एम ए हिंदू” किताब के लेखक ने कहा, ”क्या यही हमारा भारत है? क्या यही कहता है हिन्दू धर्म? मैं हिंदू हूं लेकिन इस तरह का नहीं। साथ ही, लोगों को मारते हुए, उन्हें ‘जय श्री राम’ कहने के लिए कहा जाता है। यह हिंदू धर्म का अपमान है। यह भगवान राम का अपमान है, उनके नाम का इस्तेमाल करके लोगों को मारा जा रहा है।”
सांसद थरूर ने आगे कहा, “यहां मेरा हिंदू नजरिया है। वहां हिंदूत्व का उनका नजरिया है और हर किसी का अपना हिंदूवादी तरीका है। यही जादू है क्योंकि हिंदूत्व कोई कठोर तरीका नहीं बताता है।” उन्होंने कहा, “मैं राम की पूजा कर सकता हूं, मैं हनुमान चालीसा पढ़ता हूं, इसलिये मैं हिंदू हूं….लेकिन अचानक अगर कोई कहे कि मैं इनमें से कुछ नहीं करता और इसके बावजूद मैं हिंदू हूं तब वो दोनों सही हैं, और इसे बीजेपी और संघ परिवार नहीं समझ पाया है।”
उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि मेरा एक सच है और आप मानते हैं कि आपके पास सच है…मैं अपने सच का सम्मान करूंगा और कृपया मेरे सच का सम्मान कीजिए…मेरे लिये, यह हिंदुत्व की मूल भावना है।” उन्होंने कहा कि “सहिष्णुता” से भी आगे “स्वीकार्यता” है।