NEET OMR केस में हाई कोर्ट का आदेश, तीन दिन में NTA ओरिजिनल रिकॉर्ड करे पेश

लखनऊ हाई कोर्ट

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 2024 में छात्रा आयुषी पटेल की ओएमआर शीट फटी हुई मिलने के कारण परिणाम घोषित न करने के मामले में बुधवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि छात्रा की ओएमआर शीट में जो अप्लीकेशन नम्बर भरा गया है वह उसके द्वारा भेजे गए ई-मेल से भिन्न है। इस पर न्यायालय ने एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) व याची दोनों को तीन दिनों का समय देते हुए न्यायालय के समक्ष मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 18 जून को होगी।

ये आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की अवकाशकालीन पीठ ने छात्रा आयुषी पटेल की याचिका पर पारित किया। याचिका में मांग की गई है कि याची की ओएमआर शीट का मैनुअल मूल्यांकन कराया जाए, एनटीए के विरुद्ध केंद्र सरकार को जांच का आदेश दिया जाए व वर्तमान याचिका के विचाराधीन रहते, काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए।

याची की ओर से दलील दी गई कि उसे एनटीए की ओर से एक ई-मेल प्राप्त हुआ जिसमे कहा गया कि उसकी ओएमआर शीट फटी हुई प्राप्त है, इसलिए उसका परिणाम नहीं घोषित किया जा रहा है। वहीं याचिका का विरोध करते हुए, एनटीए की ओर से याची की ओरिजिनल ओएमआर शीट, स्कोर कार्ड और अटेंडेंस शीट प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि उक्त दस्तावेजों में याची का अप्लीकेशन नम्बर 240411340741 जिसे स्वयं याची द्वारा हस्ताक्षरित किया गया है।

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कहा गया कि यह समझना मुश्किल है कि इसके बावजूद याची क्यों 240411840741 अप्लीकेशन नम्बर से ई-मेल भेज रही थी। न्यायालय ने पाया कि दोनों एप्लीकेशन नम्बर में मात्र एक अंक 13 और ‘आठ का अंतर है। इस पर न्यायालय ने दोनों पक्षों को अगली सुनवाई पर ओरिजिनल दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

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