आरयू वेब टीम।
फिशिंग के शौकीन लोगों के लिए टाइगर फिश किसी चुनौती से कम नहीं। आप इस चुनौती को स्वीकार कर रहें तो इस फिश के विषय में हम आपकों कुछ जरुरी और रोमांच भरी जानकारी दे रहें। यह फिश बेहद शक्तिशाली है इसके दांत शार्क के जितने लम्बे और टाइगर जितने तेज होते हैं। टाइगर फिश बेहद निडर होती है।
यह अफ्रीका के टांगानिका झील के अलावा लुअलाबा और कांगों नदी में भी पाई जाती है। यह देखने में जितनी डरावनी होती है, उससे कहीं ज्यादा चालाक है। टाइगर फिश आसानी से अपने आस-पास उपस्थित मांस को सूंघ कर उसकी लोकेशन पता लगाकर घात करती है। इसकी पांच अन्य प्रजातियां भी पाई जाती है। उन्हें अफ्रीकन टाइगर फिश के नाम से जाना जाता है। इनका आक्रामक और हिंसक स्वभाव ही पहचान है।
विशालकाय आकार और रंग लोगों को करता है आकर्षित
इसकी लम्बाई 5 फीट और वजन करीब 110 पाउंड्स होता है। यह ताजे पानी में रहती हैं। इसकी स्किन का रंग पीछे की तरफ ऑलिव और अन्दर की तरफ सिल्वर होती है। 32 दांत रेज़र की तरह शार्प होते हैं। टाइगर फिश लगभग पंद्रह साल से भी अधिक आसानी से जीवित रह सकती हैं। ये इतनी शक्तिशाली होती है कि मगरमच्छ को भी आसानी से शिकार बना लेती है।
अलग तरह की है इनके शिकार रणनीति
टाइगर फिश तेज बहाव व कठिन परिस्थिति में आसानी से तैर सकती है। पानी में केवन कंपन मात्र से ही यह अपने शिकार की गतिविधियों का अंदाजा लगा लेती हैं। शरीर में बनी हवा की थैली इसके लिए सिंगनल का काम करती है।
यह एक बार में कई शिकार करने में सक्षम है। यह अपने शिकार के चारों तरफ सर्कल बनाती है। एक वार में यह शिकार के दो टुकड़े करती हैं। इनकी ज्ञानेंद्रियां शिकार की एक्टीविटी को समझने में सहायता करती हैं।
फिशिंग के लिए है खतरनाक
विशालकाय शरीर होने के साथ ही तेज गतिविधियों से यह फिशिंग रॉड में फस भी जाएं तो सीधा रखना मुश्किल होता है। फंसने के दौरान यह निकलने की पूरी कोशिश करतीं हैं। यदि जाल से निकलने में कामयाब हो जाए तो पकड़ने वाले के साथ ही आस-पास के लोगों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।