NTA का सुप्रीम कोर्ट में जवाब, ग्रेस मार्क्स रद्द, 1563 छात्रों को दोबारा NEET एग्जाम का मिलेगा ऑप्शन

एनटीए का जवाब
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। भारत के सबसे बड़े मेडिकल एंट्रेस टेस्ट यानी नीट यूजी एग्जाम को लेकर चल रहे देशभर में विरोध पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन सभी 1,563 नीट-यूजी 2024 कैंडिडेट्स के स्कोर-कार्ड रद्द करने का फैसला लिया गया है, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। अब उन 1563 छात्रों को फिर से परीक्षा देने के लिए कहा जाएगा।

सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने काउंसलिंग की प्रक्रिया पर रोक लगाने से एक बार फिर इनकार कर दिया। साथ ही, शीर्ष अदालत ने एनटीए को अपना जवाब दो सप्ताह के अंदर दाखिल करने के आदेश दिए हैं। इसके अतिरिक्त खंडपीठ ने सभी सम्बन्धित मामलों की अब एक साथ आठ जुलाई को सुनवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं।

एनटीए ने कहा 23 जून को दोबारा एग्जाम कराई जाएगी। इसमें 1563 स्टूडेंट्स शामिल होंगे। इसके बाद इनकी काउंसलिंग की जाएगी। एनटीए ने कहा की तीसरी याचिका में पेपर लीक का मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष नही है।

वहीं केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ग्रेस मार्क्स पाए सभी 1563 स्टूडेंट्स को सही स्कोरकार्ड (बिना किसी ग्रेस मार्क का) दिया जाएगा और उन्हें फिर से एग्जाम देने का विकल्प दिया जाएगा। फिर से एग्जाम में बैठना स्टूडेंट्स के लिए ऑप्शनल है। अगर वे फिर से परीक्षा नहीं देते हैं तो बिना ग्रेस मार्क्स की मार्कशीट के साथ नीट यूजी की काउंसलिंग में हिस्सा ले सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने बताया कि 23 जून को 1,563 स्टूडेंट्स के लिए फिर से परीक्षा आयोजित की जाएगी। री-टेस्ट के रिजल्ट्स 30 जून 2024 को जारी कर दिए जाएंगे। री-टेस्ट के बाद सभी नीट परीक्षार्थियों की काउंसलिंग छह जुलाई से शुरू हो जाएगी। मेरिट और विभाग (जैसे एमबीबीएस, बीडीएस या अन्य)  के आधार पर सभी परीक्षार्थियों की काउंसिलिंग आगे की तय तारीखों में जारी रहेगी।

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केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए वकील कनु अग्रवाल ने जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच को बताया कि ये फैसला ‘छात्रों के डर को दूर करने’ के लिए 12 जून को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा गठित पैनल द्वारा लिया गया था। उन्होंने कहा कि पैनल का मानना था कि समय के नुकसान के आधार पर 1563 छात्रों को प्रतिपूरक अंक देने की वजह से ऐसी स्थित पैदा हुई। ग्रेस मार्क्स सिर्फ उसी प्रश्न पर मिलना था जिनका उत्तर परीक्षार्थियों द्वारा नहीं दिया गया था। सभी पहलुओं की जांच करने के बाद, कमेटी ने फैसला किया कि 1563 छात्रों के स्कोरकार्ड रद्द करने की सिफारिश करना उचित होगा और उन्हें उनके सही नंबर्स (ग्रेस मार्क्स के बिना) के बारे में सूचित किया जाएगा।

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