आरयू ब्यूरो, लखनऊ। ऑनलाइन फ्रॉड कर बैंक खाता खाली करने के मामले उत्तर प्रदेश में भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। वहीं अब इस पर लगाम कसने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज ‘फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट’ के गठन का निर्देश दिया है। खासकर इंटरनेट के जरिए आर्थिक अपराध करने वालों को ‘फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट’ सलाखों के पीछे पहुंचाएगी।
शुक्रवार को सीएम योगी आर्थिक अपराध, अग्निशमन विभाग, सीबीसीआइडी और भ्रष्टाचार निवारण संगठन के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए हर जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही उन्होंने आर्थिक अपराध के बढ़ती घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में ‘फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट का गठन करने का निर्देश दिया। उन्होंने हर इकाई में एसपीओ की नियुक्ति भी करने के निर्देश दिए। सीएम ने आज अफसरों को इस बारे में विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर जल्द से जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
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इसके साथ ही योगी ने शुक्रवार को बिग डाटा और फाइनेंशियल डेटा एनालिसिस के लिए इकाई और मुख्यालय स्तर पर टेक्निकल यूनिट भी गठित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीबीसीआइडी और भ्रष्टाचार निवारण संगठन की पहचान प्रोफेशनल जांच एजेंसी के रूप में होनी चाहिए। अपराधियों एवं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो। तकनीक की मदद से जांच, विवेचना और अभियोजन को प्रभावी बनाया जाए।
आसान करें अग्निशमन की एनओसी, देर हुई तो कड़ी कार्रवाई
लेवाना कांड के बाद फायर एनओसी को लेकर उठ रहे सवाल के बीच आज सीएम ने निर्देश दिए कि भवनों के एनओसी जारी करने के प्रकरण अनावश्यक लंबित न रखे जाएं। एक समय सीमा के भीतर परीक्षण करते हुए एनओसी जारी किए जाएं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए समयबद्धता जरूरी है। एनओसी में देरी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। मानक का कड़ाई से अनुपालन होना चाहिए। मानक विहीन भवनों को कतई एनओसी जारी न की जाए। फ़ायर सेफ्टी के लिए आमजन को जागरूक करना होगा। स्कूलों में बच्चों को आग लगने की परिस्थितियों में बचाव के तौर-तरीकों के बारे में बताया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अग्निशमन विभाग में खाली पदों पर तत्काल नियुक्ति की जाए। प्रदेश के 299 तहसीलों में अग्निशमन केंद्र हैं। जिन 68 तहसीलों में अग्निशमन केन्द्र नहीं हैं, वहां भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कर जल्द स्थापना कराई जाए। तहसीलों के बाद अगले चरण में हर थाने स्तर पर अग्निशमन केंद्र स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार करें।
मंडल स्तर पर बनाएं एसीओ के न्यायालय
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 27 विशेष न्यायालय हैं। यह सभी केवल पांच स्थानों पर होने के कारण विवेचना के दौरान पैरवी के कार्यों में समय लगता है। इन 27 न्यायालयों को मंडल स्तर पर बनाया जाए। सीएम ने कहा कि बदलते समय के साथ भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एसीओ) की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार जरूरी है। तकनीक के अधिकाधिक प्रयोग से कार्यवाही को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के प्रयास हों। इसे डायल-112 से इंटीग्रेट किया जाना जरूरी है। जांच व विवेचना के अभिलेखों व प्रक्रियाओं का डिजिटाइजेशन कराया जाए। उन्होंने कहा कि स्तरीय प्रोफेशनल एजेंसी के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए एसीओ के कार्मिकों की ट्रेनिंग कराई जानी चाहिए।
वहीं आज मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि सीबीआइ और अन्य एजेंसियों से बेहतर समन्वय बनाये रखें। एसीओ की जांच और विवेचना की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाया जाना चाहिए। अभियोजन की कार्यवाही को और बेहतर बनाने की जरूरत है। इस दिशा में प्रयास किया जाए। भ्रष्टाचार से संबंधित लंबित प्रकरणों की विभागीय स्तर पर समीक्षा की जाए।