आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पिछले हफ्ते लखनऊ विकास प्राधिकरण का मुखिया बदलने के बाद भी एलडीए के कुछ अफसर अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहें हैं। इसका उदाहरण आज एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के सामने भी उस समय आ गया जब एलडीए में महीने के हर तीसरे गुरुवार को लगने वाली जनता अदालत से कई जनता से सीधे जुड़े काम देख रहें कई अफसर व इंजीनियर गायब मिलें। वीसी ने लापरवाह अफसरों को चेतावनी देते हुए निर्देश जारी किया है कि आगे से ऐसा करने वालों का वेतन रोक दिया जाएगा।
अफसरों की ली हाजिरी, आगे भी ऐसा ही होगा
जनता अदालत में अधिकारियों के नहीं होने से फरियादियों की शिकायतों के निस्तारण में देर होने लगी तो प्राधिकरण के नव नियुक्त उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने सभी अफसरों की हाजिरी ले ली। उपाध्यक्ष ने तत्काल आदेश जारी किये कि अब से जनता अदालत में सभी अनुभाग के अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी और सभी की हाजिरी दर्ज की जाएगी। इसमें जो गैर हाजिर होगा, उसका एक दिन का वेतन रोक दिया जाएगा।
मनमानी भांप मांगी रिपोर्ट तो खुली पोल
अफसरों की मनमानी कार्यप्रणाली को भांपते ही आज प्रथमेश कुमार ने पूर्व में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की रिपोर्ट भी तलब कर ली। इसमें पाया गया कि कुछ शिकायतों में आधी-अधूरी रिपोर्ट लगी थी, जबकि कुछ के निस्तारण में खानापूर्ति की गयी है।
फोटो लगाएं-नंबर लिखें, खुद करूंगा बात
इस पर उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब से हर शिकायत का दो सप्ताह के अंदर गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करना होगा। इसमें निस्तारण की पूरी रिपोर्ट के साथ ही स्थल की फोटो भी लगानी होगी। उपाध्यक्ष ने आज यह भी आदेश दिये कि निस्तारण रिपोर्ट में शिकायत कर्ता का मोबाइल नंबर भी लिखना होगा, जिससे वह खुद शिकायत कर्ता से बात कर फीडबैक लेंगे। शिकायतों के निस्तारण में हीलावाली करने पर सम्बंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
यह भी पढ़ें- देर रात यूपी में 11 IAS अफसरों का ट्रांसफर, अयोध्या सहित पांच जिलों के बदले DM, प्रथमेश कुमार को मिली LDA VC की जिम्मेदारी
आश्वासनों से टूटा सब्र का बांध, किया हंगामा
वहीं आज दबंगों के अवैध कब्जे से परेशान नेहरू इल्क्लेव के रवि शंकर श्रीवास्तव ने जनता अदालत में हंगामा कर अफसरों के खिलाफ नारेबाजी की। महर्षि विद्या मंदिर से अवकाश प्राप्त प्रिंसिपल का कहना था शिव कुमार मौर्या नामक दबंग ने उनकी छत के साथ ही एलडीए के एक फ्लैट पर अवैध कब्जा कर रखा है। दबंग लगातार उन्हें व उनके परिवार को परेशान कर रहा है। वह इसकी कई बार पूर्व वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी व अन्य अफसरों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अवैध कब्जे की बात जानने के बाद भी अधिकारी कार्रवाई करने की जगह उन्हें सिर्फ दौड़ा रहें हैं। उन्हें व उनके परिवार को कुछ भी होगा तो इसकी सारी जिम्मेदारी एलडीए के अधिकारियों की होगी। दबंगों से परेशान होकर वह अपने परिवार के साथ आत्महत्या भी कर सकते हैं।
तीन सौ की रसीद खोई एलडीए ने मांगे दो लाख 30 हजार
एलडीए सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि आज जनता अदालत में पहुंचे ऐशबाग के रामनगर निवासी मनीष श्रीवास्तव ने प्रार्थना पत्र दिया कि साल 1980 में प्राधिकरण ने उनकी दादी अशर्फी देवी को ईडब्ल्यूएस भवन संख्या-एस-56 आवंटित कर कब्जा दे दिया था। मनीष के मुताबिक दादी के देहांत के बाद उन्होंने भवन का नामांतरण अपने पक्ष में करा लिया। इस बीच उनसे भवन के पंजीकरण की 300 रूपये की मूल रसीद कहीं खो गयी। अब रजिस्ट्री के लिए आवेदन करने पर प्राधिकरण द्वारा गणना करके दो लाख 30 हजार रूपये की धनराशि व अतिरिक्त ब्याज लगाया जा रहा है, जिसे चुका पाने में वह असमर्थ हैं। इस पर उपाध्यक्ष ने निर्देश दिये कि उक्त प्रकरण का समाधान हाल ही में प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में पारित हुए प्रस्ताव के तहत ब्याज हटाकर कराया जाए।
कागज कम बता बार-बार लौटाती है महिला बाबू
वहीं प्रार्थन पत्र देते हुए आवंटी मनोज कुमार भसीन ने जनता अदालत में आज कहा कि उन्हें कानपुर रोड योजना के सेक्टर बी में एक दुकान आवंटित की गयी थीं। इस दुकान का वह नामांतरण कराना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने योजना का काम देख रही महिला बाबू को सारे कागज दे दिए हैं, लेकिन इसके बाद भी वह बार-बार कोई न कोई कागज कम होने की बात कहते हुए उन्हें लौटा देतीं हैं।
यह भी पढ़ें- गोमतीनगर के आवासीय प्लॉट पर हो गया पांच मंजिला कॉमर्शियल निर्माण, फीनिशिंग के बाद LDA को दिखा, डराने के लिए किया सील
इसके अलावा जानकीपुरम के सेक्टर-एफ से आये वीरेन्द्र पाण्डेय व अन्य लोगों ने शिकायत की कि मकान संख्या-446 से लेकर 450 के सामने वाली सड़क पर कुछ लोगों ने दीवार बनाकर व निर्माण सामाग्री ढ़ेर करके अवैध कब्जा कर लिया है, जिससे स्थानीय लोगों का आवागमन बाधित हो रहा है। इस पर उपाध्यक्ष ने जोन पांच के अधिशासी अभियंता राजकुमार को तीन दिन के अंदर स्थल निरीक्षण कर कार्यवाही कराने के निर्देश दिये।
वहीं जानकीपुरम विस्तार के सेक्टर-8 निवासी अम्बरीश कुमार ने भवन के दाखिल खारिज के सम्बंध में प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर उपाध्यक्ष ने सात दिन के अंदर कार्यवाही सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये।
यह भी पढ़ें- एलडीए ऑफिस में एकाएक बिगड़ी कर्मचारी की तबियत, कार्यालय में नहीं मिलें डॉक्टर, हुई मौत
अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि जनता अदालत में नामांतरण, फ्री-होल्ड, रजिस्ट्री व अवैध निर्माण आदि से सम्बंधित कुल 33 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से दस मामलों का निस्तारण कर दिया गया। वहीं, शेष प्रकरणों के निस्तारण के सम्बंध में उपाध्यक्ष ने समय सीमा निर्धारित करते हुए अधिकारियों को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है।