आरयू ब्यूरो, लखनऊ। हाल ही में पिकप भवन में लगी आग को लेकर लग रही अटकलों पर शनिवार को पूर्ण विराम उस समय लग गया जब, जांच समिति की रिपोर्ट सामने आयी। जिसमें यह साफ हो गया कि पिकप भवन में आग लगी नहीं थी, बल्कि साजिशन लगाई गई थी। इसका खुलासा जांच समिति की रिपोर्ट में हुआ है। लोन से संबंधित सैकड़ों फाइलें इस घटना में राख हो गईं। इन फाइलों का डिजिटलाइजेशन नहीं हुआ था। अपने स्पष्ट निष्कर्ष के साथ समिति ने रिपोर्ट आज शासन को सौंप दी।
वहीं आग के पीछे भ्रष्टाचारियों की साजिश की बात साफ होने के बाद सीएम के निर्देश पर इस मामले में उप सामान्य प्रबंधक मानव संसाधन विकास/विधि पिकप भवन ऋचा भार्गव ने की तहरीर पर विभूति खण्ड कोतवाली में शनिवार रात संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच में प्रथम दृष्टया पाया गया है कि पिकप भवन में आग लगाया जाना प्रतीत हो रहा है। विभाग के अधिकारियों व कर्मियों के विरोधाभासी बयान और सूचना देने में हुई देरी से भी साजिश के तहत आग लगाए जाने की घटना को बल मिला है।
यह आग पिकप भवन के प्रथम तल पर वहां लगी जहां प्रदेशीय इंडस्ट्रियल एवं इंवेस्टमेंट कार्पोरेशन उत्तर प्रदेश लिमिटेड की ओर से उद्यमियों को उद्योग की स्थापना के लिए ऋण दिया जाता रहा है। पूर्व में दिए गए लोन की पत्रावलियों का अब तक डिजिटलाइजेशन ही नहीं हुआ था। इन फाइलों का ऑडिट किया जाना प्रस्तावित था। फाइलों का ऑडिट होता तो कई बड़े अधिकारी इसकी जद में आते और एक बहुत बड़े घोटाले पर से पर्दे उठ जाते। पिकप के घोटालों पर पर्दा पड़ा रहे, इस लिए यह आग साजिशन लगाई गई।
वहीं जांच अधिकारियों को शार्ट सर्किट के कोई सुबूत नहीं मिले हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि यदि शार्ट सर्किट से आग लगी होती तो ‘पैनल डिस्टर्ब’ जरूर होता, लेकिन ऐसा नहीं था। बिल्डिंग के एयर कंडीशन या ऐसी में भी शार्ट सर्किट के सुबूत नहीं मिले हैं। साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आग का असर उन कमरों तक अधिक था जहां पर लोन से संबंधित फाइलें रखी हुई थीं।
सूत्रों का कहना है कि लोन से संबंधित एक भी फाइल स्वाहा होने से नहीं बची है। इन फाइलों को जलाने से पहले एक कमरे इकट्ठा किया गया था। वहीं रिपोर्ट के अनुसार आग लगने की घटना शाम लगभग सवा सात बजे की है। आग लगने की पहली सूचना वेव शॉपिंग माल के चौथे तल पर बने रेस्टोरेंट में बैठे मनीष श्रीवास्तव ने 100 नंबर पर दी थी। जहां से आग साफ दिखाई दे रही थी, जबकि विभाग की ओर से इसकी सूचना लगभग पौने आठ बजे रात में दी गई। यह भी किसी साजिश की ओर ही इशारा कर रहा है।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने मीडिया को बताया कि इस मामले में रिपोर्ट मिल गई है। विस्तृत जांच की आवश्यकता है इसलिए स्थानीय थाने में एफआइआर दर्ज कराई गयी है।