आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को एक बार फिर योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार शासन करने में पूरी तरह विफल है। प्रियंका ने कहा कि योगी सरकार लोगों की रक्षा करने और सहयोग देने की भूमिका पहले ही छोड़ चुकी थी और अब तो वह ‘आक्रांता’ की भूमिका में आ गई है।
प्रियंका गांधी ने ये भी कहा कि कोविड-19 संकट से निपटने में भाजपा सरकार की तरफ से एक बार फिर से लोगों के प्रति ‘अहंकारी, अधिनयाकवादी और अमानवीय रवैया’ देखने को मिला। उन्होंने ये टिप्पणी उस समय की है जब उत्तर प्रदेश में बुधवार को कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड 33,214 मामले सामने आए और 187 लोगों की मौत हो गई।
सरकार ने कर रखी लगातार आक्रांता की भूमिका अख्तियार
यूपी में कोरोना संक्रमण के हालात के बारे में पूछे जाने पर प्रियंका ने कहा कि बुनियादी मुद्दा ये है कि योगी सरकार जनता की रक्षा करने, सुविधा देने और सहयोग देने का काम बहुत पहले बंद कर चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उसने (राज्य सरकार) लगातार आक्रांता की भूमिका अख्तियार कर रखी है। कोविड महामारी से वह जिस तरह निपट रही है, उससे प्रदेश के लोगों के प्रति एक बार फिर से उसका अहंकारी, अधिनयाकवादी और अमानवीय रवैया दिखा है।
… नहीं थी कोई दूरदर्शिता
प्रियंका ने दावा किया कि शासन के स्तर पर सबसे बड़ी विफलता यह रही कि कोई योजना नहीं थी, कोई तैयारी नहीं थी और कोई दूरदर्शिता नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के कई देशों ने इस महामारी की दूसरी लहर का सामना किया। हमने उनसे क्या सीखा? हमने पहली लहर और दूसरी लहर के बीच के समय का कैसे इस्तेमाल किया?’’ उनके मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार के खुद के सीरो सर्वेक्षण के परिणाम से पता चलता है कि पांच करोड़ लोग वायरस के संपर्क में आए और यह इस बात का संकेत था कि दूसरी लहर आ रही है।
सरकार सच्चाई को ढंकने के लिए समय और संसाधन …
प्रियंका ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार को सलाह दी गई थी कि जांच बड़े पैमाने पर बढ़ायी जाए। क्या हुआ? उन्होंने जांच घटा दी। 70 फीसदी जांच एंटीजन की कर दी और खुद के सर्वेक्षण की रिपोर्ट को नजरअंदाज कर दिया।’’ उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पूरा संसाधन लोगों का जीवन बचाने पर लगाने की बजाय योगी सरकार सच्चाई को ढंकने के लिए अब भी समय और संसाधन बर्बाद कर रही है।
लोगों को चुकानी पड़ी कीमत
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि, ‘‘सरकार ने लोगों को निराश किया है। उसकी अक्षमता और स्पष्टता के अभाव के चलते लोगों को वह इंसानी कीमत चुकानी पड़ी जो कभी चुकानी नहीं पड़ती।’’ उन्होंने यह सवाल भी किया कि दुनिया में कहां ऐसा होता है कि महामारी के बीच में लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए चिकित्सा अधिकारी की अनुमति लेनी पड़े? ये किस तरह की शासन व्यवस्था है।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी को लेकर प्रियंका ने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा था कि मरीजों को भर्ती कराने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी से अनुमति लेने की अनिवार्यता खत्म की जाए।