आरयू वेब टीम। पुलवामा में पिछले साल हुए फिदायीन हमले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने दो और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक ने आइईडी बनाने के लिए रसायनों की ऑनलाइन खरीद की थी। एनआइए को मल्टिनैशनल कंपनी ऐमजॉन का सहयोग मिला। ऐमजॉन ने उस खरीददार की डिटेल्स साझा की, जिसने ई-कॉमर्स साइट का उपयोग कर आइईडी ब्लास्ट में उपयोग होने वाली सामग्री मंगाई थी।
एनआइए के आग्रह पर ऐमजॉन के भारत में स्थित ऑफिस ने खरीददार के ऑनलाइन शॉपिंग अकाउंट के डिटेल्स मुहैया कराए, जिसके आधार पर श्रीनगर के रहने वाले वैज-उल-इस्लाम (19) को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। एनआइए ने इसके साथ ही आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार सहित पुलवामा हमले के षड्यंत्रकारियों को पनाह देने के जुर्म में पुलवामा के निवासी मोहम्मद अब्बास राथर को भी गिरफ्तार कर लिया।
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इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘प्रारंभिक पूछताछ में इस्लाम ने खुलासा किया कि जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तानी आतंकवादियों के निर्देश पर उसने आइईडी बनाने के लिए रसायन, बैटरियां एवं अन्य सामग्री खरीदने के लिए अपने अमेजन ऑनलाइन शॉपिंग एकाउंट का इस्तेमाल किया।’ ऑनलाइन सभी चीजें मंगा लेने के बाद उसने खुद ही जैश के आतंकवादियों को सौंपा, जिन्होंने इसका इस्तेमाल पुलवामा हमले में किया।
उन्होंने बताया कि पुलवामा हमले की साजिश के तहत इस्लाम ने ये चीजें ऑनलाइन मंगाकर उन्हें स्वयं जैश आतंकवादियों तक पहुंचाया। अधिकारी ने कहा, ‘राथर भी जैश के लिए काम करता है। उसने खुलासा किया है कि जब जैश आतंकवादी एवं आइईडी विशेषज्ञ मोहम्मद उमर अप्रैल-मई, 2018 में कश्मीर पहुंचा तब उसने ही उसे अपने घर में ठहराया था।’
वहीं जैश के आतंकवादी रह चुके अब्बास ने एनआइए को बताया कि उसने अप्रैल-मई 2018 में कश्मीर में आने के बाद आईडी एक्सपर्ट मोहम्मद उमर को अपने घर पर जगह दी थी। उसने पुलवामा के आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार, समीर अहमद डार और पाकिस्तानी आतंकवादी कामरान को कई बार अपने घर में पनाह दिया था।
उसने आतंकवादियों को ठहराने के लिए पुलवामा के ही तारिक अहमद शाह के घर का भी इस्तेमाल किया था, जिसे बेटी इंशा जन के साथ गिरफ्तार किया जा चुका है। वैज और अब्बास को जम्मू में एनआईए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस तरह एनआईए ने पुलवामा केस में अभी तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें आत्मघाती हमलावर डार को घटनास्थल तक ले जाने वाला शाकिर बशीर मागरे शामिल है।
बताते चलें कि पुलवामा हमले की 14 फरवरी को ही पहली बरसी थी। आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 41 जवानों की शहादत के बाद सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में पांच संदिग्धों को मार गिराया था। माना जाता है कि ये पांचों हमले के षड्यंत्रकारी थे। सभी संदिग्ध आतंकियों की मौत के बाद पुलवामा अटैक से जुड़े कई सवाल आज भी अनसुलझे हैं।