आरयू वेब टीम। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के पूर्व निदेशक विजय शंकर का मंगलवार को निधन हो गया। भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी शंकर (76) लंबे समय से बीमार थे। शंकर के परिवार ने बताया कि वह कुछ समय से नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे।
साथ ही ये भी बताया कि विजय शंकर की अंतिम इच्छा के अनुसार उनके पार्थिव शरीर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को दान कर दिया जाएगा। वहीं सीबीआइ के पूर्व निदेशक अनिल सिन्हा ने शंकर के निधन पर शोक व्यक्त किया। अपनी उत्कृष्ट सेवा के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पुलिस पदक प्राप्त करने वाले शंकर ने उत्तर प्रदेश पुलिस में और विदेश मंत्रालय के अधीन मॉस्को में भी अपनी सेवाएं दीं।
सीबीआइ के पूर्व निदेशक अनिल सिन्हा ने शंकर के निधन पर शोक व्यक्त किया। आगे कहा, ‘‘यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने एक अनुभवी हस्ती को खो दिया। वह एक ईमानदार और साहसी अधिकारी थे जिन्हें हम उनके तेज-तर्रार दिमाग और सिद्धांतवादी आचरण के लिए जानते थे। हम उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं।’’
उत्तर प्रदेश कैडर के 1969 बैच के आइपीएस अधिकारी शंकर ने 12 दिसंबर 2005 से 31 जुलाई 2008 तक सीबीआइ के निदेशक के तौर पर कार्य किया था। सीबीआइ निदेशक के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, एजेंसी ने चर्चित आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड मामले की जांच की थी। जब वह सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक थे तो उनकी निगरानी में ही पुर्तगाल से गैंगस्टर अबू सलेम और अभिनेत्री मोनिका बेदी का प्रत्यर्पण किया गया था। उन्होंने तेलगी घोटाले (स्टैंप पेपर घोटाला) की जांच की भी निगरानी की थी।
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सीबीआइ निदेशक नियुक्त होने से पहले शंकर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, तथा नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड के प्रमुख भी रहे। उन्होंने सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) में महानिरीक्षक के पद पर भी कार्य किया। 1990 के दशक में जम्मू और कश्मीर में तैनात थे।