आरयू ब्यूरो, लखनऊ/प्रयागराज। यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। संपत्तियां कुर्क किए जाने के आदेश में अमरमणि त्रिपाठी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से गुरुवार को राहत नहीं मिल सकी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आज की सुनवाई में बस्ती सेशन कोर्ट के आदेश पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई।
अमरमणि त्रिपाठी की इस याचिका पर आज हाई कोर्ट में जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अमरमणि त्रिपाठी द्वारा दाखिल किए गए रिकार्ड और यूपी सरकार के हलफनामे में तारीखों पर अंतर देखने को मिला। इस पर हाई कोर्ट ने बस्ती की स्पेशल कोर्ट से आर्डर शीट के रिकॉर्ड सील बंद लिफाफे में पेश करने को कहा है। हाई कोर्ट में 15 मार्च को इस मामले की अगली सुनवाई होगी, हालांकि आज की सुनवाई में अदालत ने स्पेशल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाए जाने की अमरमणि त्रिपाठी की मांग को मंजूर नहीं किया। कोर्ट ने इस मामले में आज कोई भी अंतरिम आदेश पारित नहीं किया।
गौरतलब है कि बस्ती की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी को फरार घोषित कर यूपी के डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह से उनकी संपत्तियों को जल्द से जल्द कुर्क किए जाने का आदेश दिया है। बस्ती की सेशन कोर्ट ने संपत्तियों को कुर्क किए जाने के आदेश पर अमल नहीं किए जाने पर नाराजगी भी जताई है। बस्ती की स्पेशल कोर्ट के आदेश के खिलाफ ही अमरमणि त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
मालूम हो कि छह दिसंबर 2001 को बस्ती के व्यापारी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल का अपहरण हो गया था। पुलिस ने व्यापारी के बेटे को लखनऊ में अमरमणि त्रिपाठी के घर से बरामद किया था। इस मामले में अमरमणि समेत नौ लोगों को आरोपित बनाया गया था। अमरमणि त्रिपाठी जेल से छूटने के बाद भी इस मामले में कोर्ट में पेश नहीं हुए थे।
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निचली अदालत ने अमरमणि को फरार घोषित कर संपत्तियां कुर्क करने का आदेश दिया था। अमरमणि की ओर से हाई कोर्ट में दाखिल अर्जी में निचली अदालत के कुर्की के आदेश पर रोक लगाए जाने और कोर्ट में सरेंडर करने पर उन्हें उसी दिन जमानत पर रिहा किए जाने की गुहार लगाई गई थी।