आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री व पूर्व सांसद आनंद सिंह का सोमवार को लखनऊ के एक अस्पताल में निधन हो गया। करीब 87 वर्ष के आनंद सिंह के निधन की खबर से जिले के साथ ही राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। मनकापुर कोट पर सन्नाटा पसरा गया। आनंद सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत तमाम राजनेताओं और बुद्धिजीवियों ने दुख प्रकट किया है।
इस संबंध में नकापुर कोट के प्रबंधक हरीश पान्डेय ने मीडिया को बताया कि राजा आनंद सिंह लखनऊ स्थित अपने आवास मनकापुर हाउस कैसरबाग पर थे तभी देर रात उनकी तबियत खराब हुई। उन्हें आनन-फानन में इलाज के लिए अस्पताल ले गए। इलाज के दौरान अस्पताल में ही उनका निधन हो गया है।
आनंद सिंह के पुत्र और केंद्रीय विदेश राज्य व पर्यावरण एवं जलवायु मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने एक मीडिया को बताया कि उनके पिता का पार्थिव शरीर मनकापुर स्थित पैतृक राजमहल लाया गया है। इस दौरान राजनीतिक नेताओं, अधिकारियों, समाजसेवियों और समर्थको का हुजूम अपने नेता के अंतिम दर्शन के लिये उमड़ा रहा।
गोंडा जिले में मनकापुर के राजकुंवर राजनीतिक पुरोधा व यूपी टाइगर के नाम से चर्चित आनंद सिंह गोंडा लोकसभा सीट से चार बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद रहे। वर्ष 1991 में राममंदिर लहर के दौरान बृजभूषण शरण सिंह से और वर्ष 1996 में बृजभूषण शरण सिंह की पत्नी केतकी सिंह से चुनाव हारने के बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव से स्वयं को अलग कर लिया। वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव लड़कर वह विधायक बने और सपा सरकार में कृषि मंत्री रहे।
यह भी पढ़ें- भारत के टाइगर मैन वाल्मीकी थापर का निधन, 73 की उम्र में ली अंतिम सांस
आनंद सिंह कांग्रेस और सपा से लड़ते हुए गोंडा से वर्ष 1971, 1980, 1984 और 1989 में सांसद रहे। 2012 में आखिरी बार वह सपा के टिकट पर गोंडा की गौरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और जीते। सपा सरकार में अखिलेश की कैबिनेट में वह कृषि मंत्री बने। हालांकि अखिलेश कैबिनेट में उनका कार्यकाल दो साल का ही रहा।
2014 में लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई तो राजा आनंद सिंह के बेटे कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने पिता से सियासी बगावत की और मोदी लहर में भाजपा का दामन थाम लिया। फिर भाजपा के कमल चिन्ह से वे गोंडा लोकसभा से चुनाव लड़े तभी अखिलेश यादव की नाराजगी से राजा आनंद सिंह को कैबिनेट मंत्री के पद से हटा दिया गया।