आरयू वेब टीम। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिवाली के अवसर पर एक अनोखा तरीका अपनाया और पुरानी दिल्ली स्थित ऐतिहासिक घंटेवाला मिठाई की दुकान पर पहुंचकर मिठाई बनाने का अनुभव लिया। इस दौरान राहुल ने न सिर्फ इमरती बल्कि बेसन के लड्डू भी बनाए। साथ ही इस अनुभव को सोशल मीडिया पर साझा किया।
राहुल गांधी ने इसका वीडियो पोस्टकर कहा कि “पुरानी दिल्ली की मशहूर और ऐतिहासिक घंटेवाला मिठाई की दुकान पर इमरती और बेसन के लड्डू बनाने में हाथ आजमाया।सदियों पुरानी इस प्रतिष्ठित दुकान की मिठास आज भी वही है। खालिस, पारंपरिक और दिल को छू लेने वाली। दीपावली की असली मिठास सिर्फ थाली में नहीं, बल्कि रिश्तों और समाज में भी होती है।”
कांग्रेस नेता ने घंटेवाला मिठाई की दुकान में मिठाई बनाने की प्रक्रिया को देखकर न सिर्फ उत्साहित हुए, बल्कि दुकान के मालिक से इमरती के इतिहास के बारे में भी सवाल पूछे। इस दौरान राहुल गांधी ने ये भी पूछा कि उनकी दिवाली कैसे मनाई जा रही है और इसे खास बनाने के लिए लोग क्या खास कदम उठा रहे हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पोस्ट में बताया कि दिवाली की असली मिठास सिर्फ खाने में नहीं, बल्कि रिश्तों और समाज में भी होती है। उनके इस संदेश से यह स्पष्ट होता है कि वह इस त्यौहार को पारंपरिक और सामाजिक रूप से जुड़ने का एक मौका मानते हैं। राहुल गांधी का ये कदम दर्शाता है कि वह अपनी दिवाली को आम लोगों के साथ बांटने और पारंपरिक भारतीय रीति-रिवाजों से जुड़ने में विश्वास रखते हैं।
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गौरतलब है कि पुरानी दिल्ली की घंटेवाला मिठाई की दुकान 237 साल पुरानी है और यह एक ऐतिहासिक स्थल बन चुकी है। यहां के ग्राहकों में पंडित नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक शामिल रहे हैं। यह दुकान खासतौर पर अपनी पारंपरिक मिठाइयों के लिए मशहूर है। एक दिलचस्प किस्सा तो यह है कि राजीव गांधी की शादी के मौके पर भी मिठाइयां यहीं से भेजी गई थीं। दुकान के मालिक ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से हंसी मजाक करते हुए यह भी कहा कि अब उनकी शादी का इंतजार है और मिठाई का ऑर्डर हमें देना।
ऐसे पड़ा ‘घंटेवाला’ नाम
इस दुकान का नाम घंटेवाला इसके संस्थापक लाला सुखलाल जैन से जुड़ा हुआ है। मूल रूप से आमेर के रहने वाले लाला सुखलाल ने मिठाइयों का कारोबार ठेले से शुरू किया था। वह गली-गली में मिठाई पहुंचाने के लिए हाथ में घंटी बजाते थे, जिससे उनका नाम ‘घंटेवाला’ पड़ा। उनकी मिठाइयों का स्वाद इतना लोकप्रिय हुआ कि लोग उन्हें इसी नाम से पुकारने लगे।