आरयू वेब टीम।
भारतीय जनता पार्टी की फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती का एक विवादित बयान सामने आया है। आगरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा है कि साल 2003-04 में जब वह मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री थीं, तो उन्होंने बलात्कारियों को टॉर्चर करवाया था।
यह भी कहा कि बलात्कारियों के लिए कोई मानवाधिकार नहीं होता है। ऐसे लोगों की तो इतनी पिटाई होनी चाहिए कि चमड़ी उधड़ जाये, उसके बाद उसी उधड़े मांस पर नमक-मिर्च रगड़ देनी चाहिए।
ऐसा तब तक करना चाहिए, जब तक वे रहम की भीख ना मांगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि जब मैं मुख्यमंत्री थी तो मैंने ऐसा करवाया था। उमा के इस बयान के बाद वह विरोधियों के निशाने पर आ गई है, हालांकि इससे कट्टर विचारधाराओं वाली महिलाओं से उन्हें समर्थन मिलना तय माना जा रहा है।
कहा जा रहा है कि उमा भारती ने उक्त बयान बुलंदशहर गैंगरेप मामले पर दिया है। उन्होंने बताया कि रेपिस्टों के साथ ऐसे व्यवहार पर जब एक पुलिस अधिकारी ने आपत्ति जतायी थी मैंने कह दिया था कि रेपिस्टों का कोई मानवाधिकार नहीं होता है।
उमा भारती ने जनसभा में कन्नौज की सांसद और सपा नेता डिंपल यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि वे पार्टी के लिए प्रचार तो करती हैं, लेकिन उनके पास इतनी फुर्सत नहीं कि जाकर गैंगरेप पीड़िताओं से मिलें। इसके अलावा भाजपा के ‘यूपी को ये सात पसंद हैं’ वाले पोस्टर में उन्होंने जगह बनाने में सफलता पाई है।