आरयू वेब टीम। कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर का खतरा अभी टला नहीं है, देश के तमाम राज्यों की सरकारे अपनी-अपनी समझ के हिसाब से जनता का जीवन बचाने में लगी है। इन हालात में शनिवार को पंजाब सरकार की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है। इस फैसले के अनुसार सोमवार से बाहर से आने वालों लोगों को पंजाब में से सिर्फ उन्हें ही एंट्री दी जाएगी, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली हो या जिनके पास निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट हो। हालांकि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश और जम्मू से आने वाले लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने आज ये ऐलान किया।
इसके अलावा अभी पंजाब के स्कूलों और कॉलेजों में सिर्फ कंप्लीट वैक्सीनेटिड टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को ही इजाजत दी जाएगी। छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास लेने का भी विकल्प रहेगा।
जानकारी के अनुसार सीएम चाहते हैं कि स्पेशल कैंप लगाकर शिक्षकों और नॉन टीचिंग स्टाफ को भी प्राथमिकता के आधार पर कोरोना वैक्सीन दी जाए। इसी बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों के लिए दूसरी खुराक को प्राथमिकता से देने के लिए दोनों खुराकों के बीच अंतर कम करने पर जोर दिया है।
वहीं पंजाब में शनिवार को कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या करीब छह लाख हो गयी है। पंजाब में स्कूल फिर से खुलने के बाद कोरोना वायरस जांच तेज कर दी गई है। सरकार ने रोजाना स्कूलों से कम से कम 10 हजार आरटीपीसीआर जांच करने का फैसला लिया है।
यह भी पढ़ें- जॉनसन की सिंगल-शॉट कोरोना वैक्सीन को भारत में मिली मंजूरी
पंजाब के अलावा हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में भी ऑफलाइन क्लास शुरू होने के बाद पिछले एक हफ्ते में कोरोना मामले सामने आए हैं। राज्य के अनुसार हिमाचल प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में बढ़ते मामलों के कारण पंजाब की पॉजिटिविटी रेट में 0.2 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ रिपोर्ट में स्कूलों में ज्यादा पॉजिटिविटी रेट की बात कही गई है। तथ्य ये है कि गहने परीक्षण से पता चला है कि स्कूली छात्रों के बीच पॉजिटिविटी रेट 0.1 प्रतिशत है। पिछले एक हफ्ते में राज्य का पॉजिटिविटी रेट 0.2 प्रतिशत है। नौ अगस्त से 41 छात्र और एक स्टाफ सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।