आरयू ब्यूरो,वाराणसी। आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह शुक्रवार को वाराणसी दौरे पर थे। इस दौरान आप नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। खास तौर पर संजय सिंह ने कोरोना की तीसरी लहर, अयोध्या भूमि विवाद और प्रधानमंत्री के गुरूवार को गाय पर वाराणसी में दिए बयान पर घेरते हुए सवाल किया कि मोदी जी को चुनाव में समय ही श्वेत क्रांति की याद आखिर क्यों आई?
आप नेता ने कहा कि आखिर इंकार कौन कर रहा है कि, गाय हमारी माता नहीं है। साथ ही कहा कि मोदी जी को चुनाव में समय ही श्वेत क्रांति की याद आखिर क्यों आई? जब साढ़े चार साल तक गाय-बछड़े और पशु किसानों का खेत चर रहे थे तब वह कोई रास्ता क्यों नहीं निकाले? उन्होंने आगे कहा कि, जनता चुनावी ड्रामे को समझ रही है।
वहीं मोदी सरकार पर हमला जारी रखते हुए आप नेता ने अयोध्या में दलितों की जमीन भाजपा से जुड़े अधिकारी और नेताओं के खरीदे जाने के आरोप पर कहा कि ट्रस्ट प्लाटिंग करके बेच रहा है। ट्रस्ट का काम जमीन प्लाटिंग करके बेचना नही होता। ऐसे में हम मांग करते है कि सुप्रीम कोर्ट की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बने और जांच हो।
इसके अलावा यूपी चुनाव में काशी को विकास मॉडल बनाने की कवायद पर संजय सिंह ने कहा कि काशी के पुराने मंदिर तोड़े गए, लाइब्रेरी तोड़ी गई तब उन परिवारों की पीड़ा सुनने प्रधानमंत्री नहीं आए। यूपी 14 करोड़ जनसंख्या वाला प्रदेश है, केवल काशी ही क्यों गाजीपुर से गाजियाबाद और बलिया से बरेली तक विकास होना चाहिए।
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इस दौरान आप नेता ने ओमीक्रॉन के खतरे को लेकर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से रैलियों और चुनाव टालने के आग्रह का जिक्र करते हुए कहा कि हैरतअंगेज है कि जब दूसरी लहर चरम पर थी तो मोदी जी पश्चिम बंगाल में रैली कर रहे थे। अब यूपी में हारने का डर सता रहा है तो चुनाव टालने का रास्ता निकाल रहे है। यदि गंभीर स्थिति है तो चुनाव आयोग फैसला लेगा, उससे प्रधानमंत्री का क्या लेना-देना?