संसद की सुरक्षा में सेंध के आरोपित नीलम-महेश को राहत, हाई कोर्ट ने दी सशर्त जमानत

सुरक्षा में सेंध
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। दिसंबर 2023 में संसद सुरक्षा भंग केस में दो आरोपितों को दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को सशर्त जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने नीलम आजाद और महेश कुमावत को 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों पर राहत दी।

साथ ही न्यायाधीश ने उन्हें मीडिया आउटलेट्स को साक्षात्कार न देने या घटना से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट न करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने आरोपितों को हर सोमवार बुधवार और शुक्रवार सुबह दस बजे संबंधित थाने में हाजिरी देने और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से बाहर न जाने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से सवाल किया था कि क्या केवल स्मोक कैनिस्टर का इस्तेमाल आतंकवाद विरोधी कानून (यूएपीए) के तहत आतंकी हरकत माना जा सकता है?

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गौरतलब है 13 दिसंबर, 2023 को, जो 2001 के संसद आतंकी हमले की वर्षगांठ भी है, आरोपित सागर शर्मा और मनोरंजन डी कथित तौर पर शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए और कनस्तरों से पीली गैस छोड़ी और सांसदों द्वारा काबू किए जाने से पहले नारे लगाए। लगभग उसी समय, दो अन्य आरोपितों अमोल शिंदे और आजाद ने संसद परिसर के बाहर “तानाशाही नहीं चलेगी” के नारे लगाते हुए कनस्तरों से कथित तौर पर रंगीन गैस का छिड़काव किया।

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