आरयू वेब टीम। श्रीलंका में चक्रवाती तूफान दित्वा के चलते भारी बाढ़ और विनाशकारी भूस्खलन के कारण हाहाकार मचा है। इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 56 हो गई है, जबकि 21 लोग अब भी लापता हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, सरकार ने शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है, जिसमें केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को छूट दी गई है। वहीं भारत की ओर बढ़ रहे खतरनाक चक्रवात को देखते हुए मौसम विभाग ने भारतीय राज्यों में भी अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर कहा है कि बंगाल की खाड़ी में बना यह खतरनाक तूफान, जो पहले श्रीलंका में तबाही मचा चुका है, अब भारत की ओर बढ़ रहा है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने प्री-साइक्लोन अलर्ट जारी कर दिया है। विभाग के अनुसार, इस चक्रवात का रुख उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी, दक्षिण आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल के तटीय इलाकों की ओर है। इन क्षेत्रों में 30 नवंबर तक मौसम बेहद खराब रहने की आशंका है, जिसके चलते तटीय इलाकों के मछुआरों को तुरंत सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
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दरअसल श्रीलंका में चक्रवाती तूफान दित्वा के चलते भारी बारिश और तेज हवाओं के बीच देश में आपातकाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। जान-माल का भारी नुकसान और इमरजेंसी डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर (डीएमसी) के अनुसार, द्वीप पर पिछले तीन दिनों से जारी खराब मौसम ने बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान किया है। मृतकों की संख्या 56 तक पहुंच गई है, जो ज्यादातर बाढ़ और भूस्खलन से हुई है, और 21 लोगों के लापता होने की खबर है।
पब्लिक हॉलिडे घोषित
इस आपातकालीन स्थिति को देखते हुए, सरकार ने जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों के अलावा अन्य सभी के लिए शुक्रवार को पब्लिक हॉलिडे घोषित कर दिया। मौसम की मार से 12,313 परिवारों के करीब 43,991 लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिसके चलते विस्थापन और राहत कार्यों की जरूरत बढ़ गई है। श्रीलंका में इस भीषण तबाही का मुख्य कारण चक्रवाती तूफान दित्वा है, जो मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी जिले त्रिंकोमाली के पास केंद्रित है। यह तूफान त्रिंकोमाली से लगभग 50 किलोमीटर दक्षिण में था और धीरे-धीरे उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि पूरे द्वीप में भारी बारिश (200 मिमी से अधिक), आंधी-तूफान और तेज हवाएं (60-90 किमी/घंटा) जारी रहेंगी।
हवाई सेवाओं पर असर
हवाई सेवाओं पर असर और डायवर्जन खराब मौसम और तेज हवाओं के चलते देश की हवाई सेवाओं पर भी गंभीर असर पड़ा है। श्रीलंकन एयरलाइंस ने घोषणा की है कि द्वीप पर आने वाले कई विमानों को अस्थायी रूप से भारत में डायवर्ट कर दिया गया है। इन विमानों को केरल के कोच्चि और त्रिवेंद्रम हवाई अड्डों के साथ-साथ श्रीलंका के दक्षिणी प्रांत में स्थित मट्टाला एयरपोर्ट पर उतारा गया। यह फैसला यात्रियों और विमानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि तेज हवाओं और बारिश के बीच मुख्य हवाई अड्डे पर लैंडिंग करना जोखिमपूर्ण हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय सहायता पर विचार
बढ़ते संकट और विनाशकारी क्षति को देखते हुए, सरकार अब अंतरराष्ट्रीय सहायता के लिए अपील करने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या द्वारा शुक्रवार को बुलाई जाने वाली उच्च-स्तरीय मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है। देश के पास उपलब्ध संसाधनों की समीक्षा करने और राहत तथा पुनर्वास कार्यों की भारी लागत को देखते हुए, सरकार वैश्विक समर्थन और सहायता के लिए औपचारिक अपील कर सकती है। यह कदम आपदा से प्रभावित हजारों लोगों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण होगा।



















