आरयू वेब टीम।
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को चिन्मयानंद मामले में सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा योगी सरकार को शाहजहांपुर की एलएलएम छात्रा द्वारा लगाये गये आरोपों की जांच के लिए आइजी-रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक एसआइटी गठित करने का आदेश दिया है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया कि मामले में दर्ज की गयीं दो क्रॉस एफआइआर की जांच की निगरानी के लिए एक पीठ गठित करें। सुप्रीम कोर्ट ने इहालाबाद हाईकोर्ट से कहा है कि छात्रा की तरफ से शिकायत की जांच की वह मॉनिटर करे। इसके अलावा, कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वे अगले आदेश तक लड़की और लड़की के परिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराए।
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सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि एसआइटी में पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी भी होंगे और वह महिला की शिकायतों को देखेंगे। कोर्ट ने योगी सरकार से कहा कि वह महिला, उसके भाई का दाखिला दूसरे संस्थान में कराये, क्योंकि उन्हें चिन्मयानंद के ट्रस्ट द्वारा संचालित कॉलेज में पढ़ने में डर है।
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यहां बताते चलें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लड़की को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। कोर्ट को लड़की ने बताया कि वह यूपी नहीं जाना चाहती उसे जान का डर है।