आरयू वेब टीम। मणिपुर में एक समुदाय की दो युवतियों से गैंगरेप कर खुलेआम बिना कपड़ों के घुमाने के भयावह कृत्य से देशभर में गुस्सा है, जबकि सरकार की भी आलोचना हो रही है। इसी बीच गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले का स्वत: संज्ञान ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार व राज्य सरकार पर सख्त हो गई है और कहा इस तरह के कृत्य संवैधानिक लोकतंत्र में यह बिल्कुल स्वीकार्य नहीं। साथ ही सरकार को कार्रवाई करने आदेश देते हुए चेतावनी देकर कहा कि आप कार्रवाई नहीं करेंगे तो हम करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को नग्न कर घुमाने का जो वीडियो सामने आया है वो वास्तव में परेशान करने वाला है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से कार्रवाई करने को कहा है। सीजेआइ ने मोदी सरकार और मणिपुर सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यह बिल्कुल अस्वीकार्य है, सांप्रदायिक झगड़े के क्षेत्र में महिलाओं को एक उपकरण के रूप में उपयोग करना।
उन्होंने आगे कहा कि जो वीडियो सामने आए हैं उससे हम बेहद परेशान हैं। अगर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार वास्तव में कदम उठाए और कार्रवाई करे। संवैधानिक लोकतंत्र में यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। यह बहुत परेशान करने वाला है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से ये बताने को कहा कि अपराधियों को सजा दिलाने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की है। मीडिया में दिखाई देने वाले दृश्यों के बारे में जो दिखाया गया है वह गंभीर संवैधानिक उल्लंघन और महिलाओं को हिंसा के साधन के रूप में उपयोग करके मानव जीवन का उल्लंघन दर्शाता है, जो संवैधानिक लोकतंत्र के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि केंद्र और राज्य सरकार उनके द्वारा उठाए गए कदमों से अदालत को अवगत कराएं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई अगले शुक्रवार को तय की है।
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बता दें कि मणिपुर से दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने का बेहद हैरान कर देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। बताया जा रहा है कि भीड़ ने न सिर्फ उन्हें पूरे इलाके में निर्वस्त्र करके घुमाया, बल्कि उसके साथ गैंगरेप की घटना को भी अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि रेप और पिटाई के बाद महिलाएं बोल भी नहीं पा रही हैं।