आरयू ब्यूरो
नई दिल्ली। हिन्दुस्तान में बरसों से अपनी दुनिया बसाए हुए करीब 40,000 रोहिंग्या मुसलमानों के लिए हिन्दुस्तान के दरवाजे हमेश के लिए बंद हो सकते हैं। केंद्र सरकार जल्द ही इन्हें बाहर करने के लिए कोई कड़ा फैसला ले सकती है, गृह मंत्रालय विदेशी कानून के तहत इन्हें गिरफ्तार कर वापस म्यांमार भेजने की कार्रवाई भी कर सकती है।
सूत्रों की माने तो इस मुद्दे को लेकर सोमवार को गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि की अध्यक्षता में हुई बैठक का एजेंडा इनकी पहचान, गिरफ्तारी व देश से बाहर भेजने की रणनीति रहा। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी और मुख्य सचिव ने भी हिस्सा लिया।
भारत में सबसे अधिक रोंहिग्या मुसलमान जम्मू में बसे हैं। मीडिया रिपोर्ट की माने तो ये लोग भारत में समुद्र, बांग्लादेश और म्यांयार की सीमा से घुसपैठ कर भारत में घुसे थे। यहां करीब 10,000 रोंहिग्या मुसलमान रहते हैं. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन के आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल देश में 40,000 रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थी के रूप रहते हैं।
उत्तरी राखिन में रोहिंग्या मुसलमानों और बौद्ध धर्म के लोगों के बीच हुए इस दंगे में 50 से ज्यादा मुसलमान और करीब 30 बौद्ध लोग मारे गये थे। इसी क्रम में कई रोहिंग्या मुसलमान भारत में भी घुस आये थे और अब केंद्र सरकार इन पर कार्रवाई करने के मूड में दिखायी दे रही है।