आरयू ब्यूरो, लखनऊ। रीयल एस्टेट से जुड़े तुलसियानी ग्रुप के कई ठिकानों पर ईडी अफसरों ने बुधवार को छापा मारा। लखनऊ के गोमतीनगर (पत्रकारपुरम) के अलावा प्रयागराज, नोएडा और गुरुग्राम में ईडी की कई टीमें जांच में जुट गईं। तुलसियानी ग्रुप पर बैंक और निवेशकों के 30 करोड़ से ज्यादा की रकम हड़पने का आरोप है। तुलसियानी ग्रुप द्वारा पंजाब नैशनल बैंक की कर्ज की रकम हड़पने और तमाम निवेशकों की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमों के आधार पर ईडी ने अपनी जांच शुरू की थी।
पिछले साल दिसंबर में तुलसियानी ग्रुप के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोप है कि कंपनी ने जाली दस्तावेज जमाकर पंजाब नैशनल बैंक से 4.63 करोड़ रुपये कर्ज लिया था। जब कर्ज ने वसूली के लिए पत्राचार शुरू किया तो कंपनी की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया।
इसके बाद बैंक मैनेजर ने तुलसियानी ग्रुप के निदेशक महेश तुलसियानी, अनिल कुमार तुलसियानी और पूर्व निदेशकों पर हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। बैंक की 30 करोड़ से अधिक रकम हड़पने की पुष्टि होने के बाद बुधवार को ग्रुप के ठिकानों पर ईडी ने मारा छापा। शिकायत में कहा गया है कि तुलसियानी ग्रुप की तरफ से लुभावनी स्कीम के जरिये लोगों को फ्लैट देने का वादा कर रकम जमा करा रहा था, जबकि उसके पास फ्लैट तो दूर की बात जमीन तक नहीं थी।
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कंपनी के निदेशक लखनऊ में अंसल सुशांत गोल्फ सिटी में फ्लैट बनाने का झांसी देकर रकम जमा कराते थे। फ्लैट नहीं मिलने पर पिछले पांच सालों के दौरान दर्जनों निवेशकों ने तुलसियानी ग्रुप के खिलाफ मुकदमे दर्ज काए हैं। बिल्डर ने सुशांत गोल्फ सिटी में फ्लैट बनवाए मगर निवेशकों को कब्जा देने में टालमटोल करता रहा। ये सब मामले देखकर ईडी ने भी अपनी तरफ से जांच शुरू कर दी।