आरयू इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिका के सबसे बड़े और प्रभावशाली शहर न्यूयॉर्क में इतिहास रच दिया गया है। भारतीय मूल के डेमोक्रेट उम्मीदवार जोहरान ममदानी ने मेयर चुनाव में शानदार जीत हासिल की है। इस जीत के साथ वे पिछले सौ सालों में न्यूयॉर्क के सबसे युवा, पहले भारतवंशी और पहले मुस्लिम मेयर बन गए हैं।
चुनावी सर्वे पहले ही उनकी बढ़त का संकेत दे रहे थे, लेकिन आधिकारिक नतीजों ने इसे पूरी तरह पुख्ता कर दिया। जोहरान ममदानी ने डेमोक्रेटिक प्राइमरी में पूर्व गवर्नर एंड्र्यू कुओमो को हराया था, जो बाद में इंडिपेंडेंट उम्मीदवार बनकर मैदान में उतरे थे। 67 साल के कुओमो को ममदानी ने करारी शिकस्त दी है।
इस चुनाव मेंममदानी ने 948,202 वोट (50.6 प्रतिशत) हासिल कर एनवाइसी मेयर चुनाव जीता, जिसमें 83 प्रतिशत वोट पड़े। वह कई महीनों से एनवाइसी मेयर चुनाव में अग्रणी उम्मीदवार थे और मंगलवार को उन्होंने रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लिवा और राजनीतिक रूप से दिग्गज पूर्व न्यूयॉर्क राज्य के गवर्नर एंड्रयू कुओमो को हराया। कुओमो एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे। उन्हें ट्रंप का समर्थन हासिल था। कुओमो को 776,547 वोट (41.3 प्रतिशत) मिले, जबकि स्लिवा को 137,030 वोट मिले।
एनवाइसी चुनाव बोर्ड ने कहा कि 1969 के बाद पहली बार दो मिलियन वोट डाले गए, जिनमें मैनहट्टन में 444,439 वोट पड़े, उसके बाद ब्रोंक्स (187,399), ब्रुकलिन (571,857), क्वींस (421,176) और स्टेटन द्वीप (123,827) का स्थान रहा है। ममदानी की ऐतिहासिक जीत से सबसे बड़ा झटका अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगा है।
ट्रंप लगातार ममदानी के खिलाफ बयानबाजी करते रहे उन्होंने ममदानी को “पागल कम्युनिस्ट” तक कहा था और यहां तक धमकी दी थी कि अगर ममदानी जीते, तो न्यूयॉर्क की फेडरल फंडिंग में कटौती कर दी जाएगी। हालांकि न्यूयॉर्क पहले से ही डेमोक्रेट्स का मजबूत गढ़ माना जाता है, लेकिन इस जीत ने उस गढ़ को और सुदृढ़ कर दिया है।
गौरतलब है कि के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बधाई देते हुए कहा कि सभी डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों को आज की जीत पर बधाई। यह इस बात की याद दिलाता है कि जब हम उन मज़बूत और दूरदर्शी नेताओं के साथ एकजुट होते हैं जो वाकई जनता से जुड़े मुद्दों की परवाह करते हैं, तो हम जीत सकते हैं। अभी हमें बहुत काम करना है, लेकिन भविष्य अब पहले से थोड़ा और उजला नज़र आ रहा है।
कौन हैं जोहरान ममदानी?
जोहरान ममदानी का जन्म युगांडा के कंपाला शहर में हुआ था। सात साल की उम्र में वे अपने परिवार के साथ न्यूयॉर्क आ गए और बाद में वहीं की नागरिकता प्राप्त की। उनकी मां मीरा नायर जानी-मानी भारतीय- अमेरिकी फिल्म निर्देशक हैं, जबकि उनके पिता महमूद ममदानी कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।
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ममदानी ने कॉलेज के दिनों में ही सामाजिक सक्रियता की शुरुआत की और ‘स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस इन फिलिस्तीन’ संगठन के विश्वविद्यालय अध्याय की सह-स्थापना की। 2020 में वे राज्य विधानसभा के लिए चुने गए, जहां उन्होंने क्वींस के एक जिले का प्रतिनिधित्व किया। उनकी सबसे उल्लेखनीय उपलब्धि वह पायलट कार्यक्रम था जिसके तहत शहर की बसों को एक साल के लिए मुफ्त सेवा के रूप में चलाया गया यह कदम उन्हें जनता के बीच बेहद लोकप्रिय बना गया।



















