शपथ ग्रहण के बाद ट्रंप ने लिए WHO-TikTok, पेरिस समझौता समेत इन मुद्दों पर ताबड़तोड़ फैसले

राष्ट्रपति ट्रंप

आरयू इंटरनेशनल डेस्क। डॉनल्ड ट्रंप ने 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभालते ही कई बड़े फैसले लिए। उन्होंने अपने पहले ही दिन पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कई अहम निर्देशों को रद्द कर दिया। ट्रंप ने शपथ लेने के बाद कहा कि अब अमेरिका का “स्वर्णिम युग” शुरू हो गया है। शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद, ट्रंप ने ओवल ऑफिस पहुंचकर कई कार्यकारी आदेशों पर साइन किए। इसके साथ ही उन्होंने बाइडन सरकार के 78 फैसलों को रद्द कर दिया।

ट्रंप ने कहा कि वह उन 80 फैसलों को खत्म करेंगे, जो अमेरिका की प्रगति में रुकावट पैदा कर रहे हैं। डॉनल्ड ट्रंप ने  एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर साइन करते हुए अमेरिका को एक बार फिर से पेरिस क्लाइमेट एग्रीमेंट से बाहर कर दिया। इससे पहले 2017 में भी उन्होंने इस ग्लोबल समझौते को छोड़ दिया था। इस समझौते का मकसद ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखना है, या कम से कम इसे प्री-इंडस्ट्रियल लेवल से 2 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा बढ़ने से रोकना है। ये फैसला ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ चल रहे वर्ल्डवाइड एफर्ट्स के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। साथ ही, यह अमेरिका को अपने करीबी एलायंस से और दूर कर सकता है।

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को एक लेटर साइन कर भेजा, जिसमें उन्होंने 2015 के समझौते से बाहर निकलने की अपनी मंशा जाहिर की। यह समझौता देशों को कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस के जलने से होने वाले ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए टारगेट तय करने की अनुमति देता है। साथ ही, ट्रंप ने अमेरिका में “राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल” घोषित किया। इसका मकसद था दुनिया के सबसे बड़े तेल और गैस उत्पादक देश के रूप में ड्रिलिंग को बढ़ावा देना। उन्होंने यह भी कहा कि वह व्हीकल एमिशन स्टैंडर्ड्स को खत्म करेंगे, जिसे वह “इलेक्ट्रिक व्हीकल मैंडेट” मानते थे।

WHO से हुआ अलग अमेरिका

ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी अमेरिका को अलग कर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस ग्लोबल हेल्थ एजेंसी ने कोविड-19 महामारी और अन्य इंटरनेशनल हेल्थ क्राइसिस को सही तरीके से हैंडल नहीं किया। साथ ही कहा कि डब्ल्यूएचओ ने सदस्य देशों के “राजनीतिक प्रभाव” से स्वतंत्र होकर काम करने में असफलता दिखाई है। इसके अलावा, अमेरिका से “अनफेयरली भारी फंडिंग” की डिमांड की जाती है, जो अन्य बड़े देशों जैसे चीन की तुलना में काफी ज्यादा है। ट्रंप ने यह भी कहा कि डब्ल्यूएचओ की फंडिंग स्ट्रक्चर और उसके कामकाज पर सवाल उठाए जाने चाहिए। उन्होंने अमेरिका की हिस्सेदारी को “अनुचित” बताया और कहा कि अब इसे और जारी नहीं रखा जाएगा।

कनाडा-मेक्सिको पर टैरिफ की तैयारी

अपना कार्यभार संभालते ही ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको की ओर सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। ट्रंप ने कहा है कि वे इन दोनों देशों से अमेरिका आने वाले प्रोडक्ट्स पर 25 प्रतिशत टैरिफ (शुल्क) लगा सकते हैं। ये नया नियम एक फरवरी से लागू होने की संभावना है। इसका मतलब है कि कनाडा और मेक्सिको से आने वाले सामान पर अब बिजनेसमैन को 25 प्रतिशत ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा। इस फैसले का असर दोनों देशों के साथ ट्रेड पर पड़ सकता है, क्योंकि इससे प्रोडक्ट्स की लागत बढ़ेगी और अमेरिकी बाजार में उनकी कीमतें भी ऊपर जा सकती हैं। ट्रंप का यह कदम उनकी ‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी के तहत लिया गया माना जा रहा है।

इमिग्रेशन-बर्थराइट सिटिजनशिप पर सख्ती

ट्रंप ने एग्जिक्यूटिव ऑर्डर जारी किया, जिसमें अमेरिका में बर्थराइट सिटिजनशिप पर सख्ती करने की बात कही गई। यह कदम अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के खिलाफ माना जा रहा है। मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने कहा, “फेडरल गवर्नमेंट अब उन बच्चों को ऑटोमैटिक बर्थराइट सिटिजनशिप नहीं देगी, जो अमेरिका में गैरकानूनी तरीके से आए लोगों के यहां जन्मे हैं। इसके साथ ही, अवैध इमिग्रेंट्स की वेटिंग और स्क्रीनिंग को भी सख्त किया जाएगा।” अपने इनिशियल स्पीच में ट्रंप ने कई एग्जिक्यूटिव ऑर्डर्स का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वे 1798 के वारटाइम लॉ, जिसे एलियन एनिमी एक्ट कहा जाता है, को लागू करेंगे। इस कानून का इस्तेमाल अमेरिका में मौजूद विदेशी गैंग मेंबर्स को टारगेट करने के लिए किया जाएगा। आखिरी बार इस कानून का उपयोग वर्ल्ड वॉर टू के दौरान किया गया था, जब जापानी, जर्मन और इटालियन मूल के नॉन-सिटिजन्स को डिटेंशन कैंप्स में रखा गया था।

ट्रंप ने टिकटॉक बैन को टाला

एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर साइन करके शॉर्ट-वीडियो ऐप टिकटॉक बैन को कम से कम 75 दिनों के लिए टाल दिया। यह बैन 19 जनवरी 2025 से लागू होना था।
टिकटॉक को अमेरिका के कानून का पालन करने के लिए 75 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है। इस कानून के अनुसार, टिकटॉक को अपनी चीनी मूल कंपनी बाइटडांस से संबंध तोड़ने होंगे या फिर अमेरिका में बैन का सामना करना पड़ेगा। एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर करते समय ट्रंप ने कहा, “मुझे लगता है कि अब मैं टिकटॉक को लेकर थोड़ा नरम हो गया हूं। मैंने टिकटॉक पर देखा कि मैंने युवाओं का समर्थन जीता।”

1500 आरोपितों को दी माफी

ट्रंप ने 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल हिल पर हुए दंगों के लिए गिरफ्तार किए गए अपने समर्थकों को माफी दे दी। व्हाइट हाउस में हुए एक हस्ताक्षर समारोह में ट्रंप ने कहा, “ये सभी लगभग 1,500 लोग बंधक की तरह हैं। इन्हें माफी दी जा रही है।”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “इन लोगों के साथ जो किया गया है, वह बेहद गलत और अन्यायपूर्ण है।”

न्याय विभाग के मुताबिक, 6 जनवरी के दंगों से जुड़े मामलों में अब तक 1,580 से ज्यादा लोगों पर आपराधिक आरोप लगाए गए थे। इनमें से 1,000 से ज्यादा लोगों ने कोर्ट में अपना दोष कबूल कर लिया था।

सभी फेडरल वर्कर्स वापस ऑफिस बुलाए गए

डॉनल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही सभी फेडरल वर्कर्स को तुरंत ऑफिस लौटने का ऑर्डर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने सभी सरकारी विभागों में हायरिंग फ्रीज (भर्ती पर रोक) लगाने की भी घोषणा की। ट्रंप ने कहा, “मैं इमीडिएट रेगुलेशन फ्रीज लागू करूंगा, ताकि बाइडन सरकार के अफसर और ब्यूरोक्रेट्स नए नियम बनाने से रोके जा सकें। इसके अलावा, मैं टेम्परेरी हायरिंग फ्रीज लागू करूंगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम केवल उन कैंडिडेट्स को हायर करें जो पब्लिक के प्रति वफादार और काबिल हों।”

सिर्फ दो जेंडर होंगे मान्य

ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालते ही यह आदेश दिया कि अब अमेरिका में केवल दो जेंडर मेल और फीमेल को मान्यता दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने बाइडन प्रशासन के कई ऑर्डर्स को रद्द कर दिया, जो रेशियल इक्विटी और एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के अधिकारों को समर्थन देने के लिए थे। नए आदेश के मुताबिक, सरकारी डॉक्यूमेंट्स, जैसे पासपोर्ट और वीजा, में ‘जेंडर’ की जगह सिर्फ ‘सेक्स’ का उपयोग किया जाएगा। ट्रंप के मुताबिक, यह बदलाव हर व्यक्ति के “इम्म्यूटेबल बायोलॉजिकल क्लासिफिकेशन” यानी जन्मजात लिंग (मेल या फीमेल) के आधार पर होगा।

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