आरयू वेब टीम। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा यूजीसी -नेट परीक्षा रद्द होने पर कांग्रेस पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये हजारों स्टूडेंट्स के जज्बे की जीत और मोदी सरकार के अहंकार की हार है, जिसके चलते उन्होंने हमारे युवाओं के भविष्य को रौंदने का कुत्सित प्रयास किया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर कहा, यूजी-नेट परीक्षा को रद्द करना लाखों छात्र-छात्राओं के जज्बे की जीत है। ये मोदी सरकार के अहंकार की हार है जिसके चलते उन्होंने हमारे युवाओं के भविष्य को रौंदने का कुत्सित प्रयास किया। खड़गे ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री पहले कहते हैं कि नीट में कोई पेपर लीक नहीं हुआ।
जब बिहार, गुजरात और हरियाणा में शिक्षा माफिया की गिरफ्तारियां होती हैं, तो शिक्षा मंत्री मानते हैं कि कुछ घपला हुआ है! कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा कि नीट की परीक्षा रद्द कब होगी? साथ ही कहा कि मोदी जी, नीट परीक्षा में भी अपनी सरकार की धांधली और पेपर लीक को रोकने की जिम्मेदारी लीजिए!
वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस पर प्रतिक्रिया दाते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा है। जयराम ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर कहा, “हर साल गैर-जैविक प्रधानमंत्री ‘परीक्षा पे चर्चा’ का भव्य तमाशा करते हैं। फिर भी, उनकी सरकार लीक और धोखाधड़ी के बिना एक परीक्षा भी आयोजित नहीं कर सकती है।
• साथ ही कहा कि नीट यूजी 2024 परीक्षा बहुत गंभीर सवालों का सामना कर रही है, जिसे स्वीकार करने के लिए शिक्षा मंत्री भी मजबूर हो गए हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनजीए) की ईमानदारी पर गंभीर संदेह है।
• अब आयोजित यूजीसी नेट को कल रात रद्द कर दिया गया है। वास्तव में, गैर-जैविक प्रधानमंत्री की सरकार भारत की शिक्षा प्रणाली के लिए विनाशकारी रही है।
• कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट ने कक्षा 12 की परीक्षाओं का पूरी तरह से मजाक उड़ाया है।
• एनसीईआरटी, यूजीसी और सीबीएसई की व्यावसायिकता को नष्ट कर दिया गया है।
• 2020 की नई शिक्षा नीति, भारत की शिक्षा प्रणाली को भविष्य के लिए तैयार करने के बजाय, केवल नागपुर शिक्षा नीति 2020 का काम करती है।
यह संपूर्ण राजनीति विज्ञान में एमए की विरासत है। क्या वह कभी ‘लीक पे बोलेंगे?”
मालूम हो कि केंदीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने का बुधवार को आदेश दिया और मामले की जांच जिम्मेदारी सीबीआइ को सौंपा दिया। बताया गया कि यूजीसी-नेट परीक्षा इसलिए रद्द की गई कि ऐसी जानकारी मिली थी कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया है। मंत्रालय का यह फैसला, मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) में कथित अनियमितताओं को लेकर उपजे बड़े विवाद के बीच आया है और यह मुद्दा अब उच्चतम न्यायालय में है।
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परंपरा से हटकर, इस बार राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) एक ही दिन (18 जून) में ‘‘पेन और पेपर मोड’’ में आयोजित की गई थी, जिसमें 11 लाख छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिर से यह परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए अलग से जानकारी साझा की जाएगी।