आरयू ब्यूरो, लखनऊ। प्राइवेट स्कूलों की तरह अब उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में भी छात्रों को पीटी कराने के साथ ही उनके लिए खेलकूद की व्यवस्था की जाएगी। कार्यक्रम के तहत छात्रों के अलावा शरीरिक व मानसिक विकास के लिए आवश्यक इन कार्यक्रमों में शिक्षक भी हिस्सा लेंगे।
इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय ने यूपी के सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को जारी पत्र के माध्यम से निर्देशित किया है कि सभी माध्यमिक विद्यालयों के टाइम टेबल में बदलाव करते हुए खेलकूद एवं शारीरिक व्यायाम को अनिवार्य रूप से उसमें शामिल किया जाए।
यह भी पढ़ें- बेसिक शिक्षा विभाग में सात अफसरों का तबादला, सुत्ता सिंह निलंबित, रूबी को मिला संजीव सिन्हा का चार्ज
विनय कुमार ने बताया कि सभी विद्यालयों में सुबह प्रार्थना सभा के बाद विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को अब 20 मिनट तक पीटी करायी जाएगी। साथ ही शारीरिक व्यायाम और खेलों को विद्यार्थियों तथा शिक्षकों की आदत के रूप में विकसित करने के लिए ‘फिटनेस प्लान’ बनाने के भी उन्होंने निर्देश जारी किए हैं।
…मिलेगा ‘फिट इंडिया स्कूल’ पुरस्कार
साथ ही माध्यमिक शिक्षक निदेशक ने कहा प्रधानमंत्री द्वारा लॉंच किए गए ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ के क्रम में छात्र-छात्राओं को खेलकूद, योगासन एवं अन्य शारीरिक गतिविधियों के प्रति आकृष्ट करने के उद्देश्य से ‘फिट इंडिया स्कूल’ कार्यक्रम भी संचालित किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत स्कूलों के प्रदर्शन के आधार पर उनकी रेटिंग करते हुए स्कूलों को प्रधानमंत्री ‘फिट इंडिया स्कूल’ पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार का दावा करने के लिए अगामी 31 दिसंबर तक विभाग की वेबसाइट पर विद्यालयों को ऑनलाइन पंजीकरण कराने के लिए भी निर्देशित किया गया है।
नोडल अधिकारी नामित
साथ ही इस व्यवस्था को प्रदेशभर के माध्यमिक विद्यालयों में ‘फिट इंडिया स्कूल’ कार्यक्रम को प्रभावी रूप से संचालित करने व नियमित रिपोर्टिंग के लिए विद्यालय स्तर पर व्यायाम शिक्षक, जनपद स्तर पर जिला विद्यालय निरीक्षक तथा मंडल स्तर पर मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
यह भी पढ़ें- मिशन फिट इंडिया का आगाज कर PM मोदी ने कहा, फिटनेस सिर्फ शब्द नहीं, स्वस्थ जीवन के लिए है जरूरी शर्त
हर हफ्ते 30 विद्यालयों का निरीक्षण
प्रत्येक मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, मंडलीय उप शिक्षा निदेशक, जिला विद्यालय निरीक्षक तथा सह जिला विद्यालय निरीक्षक को हर हफ्ते 30 विद्यालयों का निरीक्षण व पर्यवेक्षण के निर्देश दिये गये हैं।