आरयू ब्यूरो, लखनऊ/अलीगढ़। हाथरस में सत्संग भगदड़ कांड के दो दिन बाद यूपी पुलिस ने गुरुवार को पहली गिरफ्तारी की। पुलिस ने छह सेवादारों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा सत्संग कराने वाले मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर के खिलाफ एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया।
पुलिस ने प्रेसवार्ता कर कई जानकारी देते हुए बताया कि भगदड़ में एक 121 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 112 महिलाएं हैं। सभी मृतकों की पहचान कर ली गई है और उनके पोस्टमार्टम भी किए जा चुके हैं। साथ ही बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा-105, 110, 126(2), 223 और 238 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
मीडिया से बातचीत में अलीगढ़ के आइजी शलभ माथुर ने कहा कि इस मामले में चार पुरुषों और दो महिलाओं सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वे सभी आयोजन समिति के सदस्य हैं और ‘सेवादार’ के रूप में काम करते हैं। ये सभी लोग घटनास्थल से भाग गए थे। आइजी शलथ माथुर ने बताया कि मुख्य आरोपित प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया जा रहा है। जल्द ही उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा। साथ ही कहा कि हम इसकी भी जांच करेंगे कि क्या यह घटना किसी साजिश के तहत हुई है।
इसके अलावा आइजी ने बताया कि सेवादारों की भूमिका की जांच की जा रही है। प्रवचनकर्ता बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ के आपराधिक इतिहास के बारे में भी हम जानकारी ले रहे हैं। उनके नाम पर कार्यक्रम की अनुमति नहीं ली गई थी।
यह भी पढ़ें- हाथरस सत्संग भगदड़ में मरने वालों की संख्या हुई 121, मुख्य सेवादार पर मुकदमा, सिपाही से बाबा बनने वाले को पुलिस ने छोड़ा
आइजी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ेगी तो नारायण साकार उर्फ भोले बाबा से पूछताछ की जाएगी। वहीं एफआइआर के अंदर उनका (नारायण साकार उर्फ भोले बाबा) नाम नहीं है। जिम्मेदारी आयोजक की होती है। आयोजक का नाम एफआइआर में है। आयोजक पर एक लाख रुपए का ईनाम भी घोषित किया गया है। उनके साथ जो सेवादार थे, जिन्होंने भीड़ को रोकने की कोशिश की। जो वहां से भाग गए। जिन्होंने पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।