आरयू वेब टीम। भारत वो है, जो मानवता, जो आत्मीयता, जो विश्व कल्याण की भावना हमारे रक्त के कण-कण में है। उसका एहसास बाकी देशों को कराने के लिए विश्व भारती को देश की शिक्षा संस्थाओं का नेतृत्व करना चाहिए। मेरा आग्रह है, अगले 25 वर्षों के लिए विश्व भारती के विद्यार्थी मिलकर एक विजन डॉक्यूमेंट बनाएं। वर्ष 2047 में, जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष का समारोह बनाएगा, तब तक विश्व भारती के 25 सबसे बड़े लक्ष्य क्या होंगे, ये इस विजन डॉक्यूमेंट में रखे जा सकते हैं।
उक्त बातें शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की विश्व भारती यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कही। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हिस्सा लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यहां पढ़ने वाले छात्र एक यूनिवर्सिटी नहीं, बल्कि एक जीवंत परंपरा का हिस्सा हैं। अगर आप देश को सबसे आगे रखते हैं तो आपको समस्याओं में ही समाधान मिलेगा। अगर आपके इरादे नेक हैं और ‘मां भारती’ के प्रति श्रद्धा है तो आपका हर निर्णय आपको समाधान की तरफ ले जाएगा। भारत अपनी बेटियों के आत्मविश्वास के बिना ‘आत्मनिर्भर’ नहीं बन सकता।
साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्ञान और शक्ति के साथ जिम्मेदारी आती है, आपका ज्ञान सिर्फ आपका ही नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में लैंगिक समानता समावेश कोष का प्रावधान है जो कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ा कदम है।
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इतना ही नहीं पीएम ने आगे कहा कि गुरुदेव अगर विश्व भारती को सिर्फ एक यूनिवर्सिटी के रूप में देखना चाहते, तो वो इसे ग्लोबल यूनिवर्सिटी या कोई और नाम दे सकते थे, लेकिन उन्होंने इसे विश्व भारती विश्वविद्यालय नाम दिया। गुरुदेव की विश्व भारती से अपेक्षा थी कि यहां जो सिखने आएगा वो पूरी दुनिया को भारत और भारतीयता की दृष्टि से देखेगा। गुरुदेव का ये मॉडल त्याग और आनंद के मूल्यों से प्रेरित था इसलिए उन्होंने विश्व भारती को सिखने का ऐसा स्थान बनाया जो भारत की समृद्ध धरोहर को आत्मसात करें।
मोदी ने ये भी कहा कि बंगाल ने अतीत में भारत के समृद्ध ज्ञान-विज्ञान को आगे बढ़ाने में देश को नेतृत्व दिया। बंगाल, एक भारत, श्रेष्ठ भारत की प्रेरणा स्थली भी रहा है और कर्मस्थली भी रहा है। हम इस वर्ष अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। विश्व भारती के प्रत्येक विद्यार्थी की तरफ से देश को सबसे बड़ा उपहार होगा कि भारत की छवि को और निखारने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में सरकार ने देश और दुनिया के लाखों जर्नलस की फ्री एक्सेस अपने स्कॉलर्स को देने का फैसला किया है। इस साल बजट में भी रिसर्च के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के माध्यम से आने वाले पांच साल में 50 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव रखा है।