आरयू वेब टीम। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मतगणना के बीच शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र के लोगों का निर्णय नहीं हो सकता है। हम जानते हैं कि महाराष्ट्र के लोग क्या चाहते हैं। भाजपा को निशाने पर लेते हुए संजय राउत ने कहा कि दो दिन पहले गौतम अडानी के खिलाफ रिश्वत के केस में वारंट निकला है। इसमें भारतीय जनता पार्टी की पोल खुल गई है। इस पर से ध्यान हटाने के लिए ये कपट कारिस्तानी की गई है, जिसकी तैयारी पहले से ही चल रही है। महाराष्ट्र, मुंबई गौतम अडानी के जेब में जा रहा है और हमने इसका विरोध किया है, इसलिए ऐसे नतीजे महाराष्ट्र पर लादे गए हैं।
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प्रेसवार्ता में संजय राउत ने कहा कि उन्हें यह रिजल्ट मंजूर नहीं है। यह फैसला जनता का नहीं हो सकता। महाराष्ट्र की जनता गद्दार नहीं है। संजय राउत ने कहा कि चुनाव रिजल्ट से पहले कुछ गड़बड़ किया गया है। उन्होंने मांग की है कि बैलट पेपर से फिर से महाराष्ट्र में चुनाव कराए जाएं। उद्धव गुट के सांसद ने पूछा कि क्या महाराष्ट्र में संभव है कि शिंदे को महाराष्ट्र में 60 सीटें मिल जाएं? अजित पवार को 40 सीटें मिलें? क्या यह संभव है कि भाजपा को 125 सीटें मिल रही हैं? यह संभव नहीं है।
200 करोड़ की रिश्वत का केस…
साथ ही कहा कि भाजपा को मालूम था कि महाराष्ट्र रिजल्ट किस दिशा में जा रहा है, इसलिए दो दिन पहले गौतम अडाणी के खिलाफ अरेस्ट वारंट हो गया, अडानी पर केस हो गया, 200 करोड़ की रिश्वत का केस। भाजपा की पोल खुल गई। गौतम अडानी, अमित शाह, मोदी, देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, अजित पवार यह सब एक हैं। उसके ऊपर से ध्यान हटाने के लिए यह कपट किया गया है।
महाराष्ट्र की जनता पर लाद दिए गए नतीजे
संजय राउत ने कहा कि मुंबई को गौतम अडानी की जेब में जा रहा है। हमने इसका विरोध किया इसलिए यह सब किया गया। हम लोग इस देश को अडानी राष्ट्र नहीं होने देंगे। महाराष्ट्र का यह रिजल्ट नहीं है, यह नतीजे महाराष्ट्र की जनता पर लाद दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं फिर कहता हूं, बार-बार कह रहा हूं कि यह महाराष्ट्र की जनता का फैसला हो ही नहीं सकता। महाराष्ट्र की जनता का मन हमें मालूम है। यह हो ही नहीं सकता।
चुनाव क्षेत्र में लगाई नोटो की मशीन
इतना ही नहीं राउत ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘2014 और 2019 में मोदी और शाह ने यही किया था विपक्ष का नेता विधानसभा में नहीं होना चाहिए इसी रणनीति पर काम करते हैं। पैसा तो ऐसा है कि हर चुनाव क्षेत्र में नोटो की मशीन लगाई थीं। शिंदे बोल रहे थे हमारे एक भी विधायक नहीं हारेगा, अगर वह गिरा तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। यह कौन सा भरोसा है? यह होता है क्या? चुनाव में इस तरह कोई बोलता है क्या? महाराष्ट्र में महायुति को 200 के ऊपर सीटें मिल जाएंगी?