योगी सरकार की तारीफ करने वाली विधायक पूजा पाल सपा से निष्कासित, कार्रवाई के बाद साधा अखिलेश पर निशाना

पूजा पाल
पूजा पाल। (फाइल फोटो)

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने विधायक पूजा पाल को पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप में तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है। साथ ही उन्हें सभी पदों से हटा दिया गया है और अब वे पार्टी के किसी भी कार्यक्रम या बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगी। पूजा पाल ने हाल ही में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की थी।

दूसरी ओर मानसून सत्र में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भी अपराधियों पर कार्रवाई में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाया था। निष्कासन आदेश में कहा गया कि पूजा पाल का आचरण पार्टी विरोधी और गंभीर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है, इसलिए उन्हें तुरंत बाहर किया जाता है।

सपा से निकाले जाने के बाद पूजा पाल भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, “मेरे पति की हत्या अतीक अहमद ने की थी, और योगी सरकार ने मुझे न्याय दिलाते हुए उसे सजा दी। यह कहना गलत नहीं होगा कि मेरे दुश्मनों का अंत हुआ है। मैं मुलायम सिंह यादव के समय से सपा से नहीं जुड़ी थी, बल्कि यह सोचकर आई थी कि अखिलेश यादव अपराधियों के खिलाफ हैं।”

इस दौरान पूजा पाल ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि शायद वे प्रयागराज की उन महिलाओं की पीड़ा को नहीं सुन पाए जो उनसे भी ज्यादा परेशान थीं। पाल ने खुद को उन माताओं और बहनों की आवाज बताया, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने केवल उन्हें ही नहीं, बल्कि अतीक अहमद के आतंक से परेशान पूरे प्रयागराज को न्याय दिया है। मैं ये बात पहले दिन से कह रही हूं, जब मैं पार्टी में थी। मुझे आज ही निष्कासित किया गया है। मैं आज भी अपने बयान पर कायम हूं।

पूजा पाल ने कहा, मैं विधायक बाद में बनी, लेकिन मैं पहले एक पीड़ित महिला हूं, एक पत्नी हूं… हमारे साथ जो हुआ वो हम बर्दाश्त नहीं कर सके… वो पीडीए की बात करते हैं। मैं भी पिछड़े समुदाय से आती हूं, मैं परेशान थी, मैं घर से बाहर निकली, क्योंकि मेरे पति की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई, मैं नई-नवेली दुल्हन थी और मेरे घर पर कोई नहीं था… उन्होंने साबित कर दिया है कि वो पीडीए के पूरी तरह खिलाफ हैं।”

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सूत्रों के मुताबिक, पूजा पाल समेत सपा के कई विधायकों मनोज पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, राकेश पांडेय, विनोद चतुर्वेदी और आशुतोष मौर्य ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ के पक्ष में मतदान किया था। वहीं, सुभासपा के विधायक जगदीश नारायण राय ने सपा उम्मीदवार को वोट दिया। इसी चुनाव में, जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी और विधायक महराजी देवी ने मतदान नहीं किया। बताया जाता है कि उन्होंने भाजपा नेताओं से कहा था कि वह भाजपा को वोट नहीं देंगी, लेकिन मतदान से दूरी बनाए रखेंगी। उनके मतदान न करने का लाभ भी भाजपा को मिला।

मालूम हो कि पूजा ने कहा था कि अपराध के प्रति राज्य सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति से उन्हें न्याय मिला है। उनका आरोप है कि अतीक अहमद ने उनके पति की हत्या की थी और योगी सरकार की सख्त कार्रवाई के कारण उन्हें तथा प्रयागराज की कई अन्य महिलाओं को इंसाफ मिला।

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