जमीन खरीद के 26 साल पुराने मामले में पूर्व IPS एकाएक ट्रेन में गिरफ्तार, जेल जाने से पहले अमिताभ ठाकुर ने जताई अपनी हत्या की आशंका

अमिताभ ठाकुर
अमिताभ ठाकुर घसीटकर ले जाती पुलिस।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बच्‍चों की जान लेने वाले कोडिन कफ सिरप समेत अन्‍य मामलों को लेकर योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पूर्व आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को आज भोर में एक ट्रेन से गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया गयाा है। अमिताभ को जमीन खरीद के करीब 26 साल पुराने मामले में लखनऊ से दिल्ली जाते समय आज ट्रेन से एकाएक पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

वहीं जेल भेजे जाने से पहले अमिताभ ठाकुर ने यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी हत्‍या कराए जाने की आशंका जताई है। इस दौरान पूर्व आइजी ने मीडिया कर्मियों को और भी कुछ बताना चाहा लेकिन पुलिस ने उन्हें धक्का देते हुए बात नहीं करने दिया। अमिताभ ठाकुर पर यह कार्रवाई हाल ही में वाराणसी के चौक थाने में दर्ज कराई गयी हिंदू युवा वाहिनी के पदाधिकारी अम्‍बरीश सिंह भोला की एफआइआर से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

वहीं आज गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने अमिताभ ठाकुर से कई घंटे तक गुप्त जगह पर पूछताछ की। फिर उन्हें देवरिया में मेडिकल कराने ले जाया गया। यहां पत्रकारों से अमिताभ ठाकुर ने कहा- मेरी हत्या हो सकती है। मेरे खिलाफ अन्याय हो रहा। सीएम योगी आदित्‍यनाथ के इशारे पर सब हो रहा। मेडिकल के बाद पुलिस ने उन्हें बात नहीं करने दी और धकेलते हुए सीजेएम कोर्ट ले गई। जहां से उन्हें 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया। अगली सुनवाई 23 दिसंबर को है।

पहले खबर आई अमिताभ ठाकुर को किडनैप किया

जानकारी के मुताबिक आजाद अधिकार सेना के अध्‍यक्ष अमिताभ ठाकुर को ट्रेन में सफर करने के दौरान ही शाहजहांपुर में सादे कपड़ों में ट्रेन में घुसी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पहले खबर आई कि अमिताभ ठाकुर को किडनैप किया गया है, हालांकि बाद में पत्‍नी नूतन ठाकुर को लखनऊ की तालकटोरा पुलिस ने कॉल किया। तब बताया गया हमने उन्हें गिरफ्तार किया है। अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी का एक्स अकाउंट भी बंद करा दिया गया है। समझा जा रहा है पुलिस ने ही दोनों का अकाउंट जबरन बंद कराया है।

जिस मामले में पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया, वह साल 1999 का है। उस समय अमिताभ देवरिया के एसपी थे। आरोप है कि फर्जी डॉक्यूमेंट्स से उनकी पत्‍नी ने देवरिया के औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट लिया। बाद में उसे बेचकर मुनाफा कमाया। इस मामले में तीन महीने पहले तालकटोरा कोतवाली में अमिताभ ठाकुर के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जांच के लिए लखनऊ पुलिस ने एसआइटी बनाई। पुलिस की मानें तो एसआइटी ने देवरिया और बिहार में रिकॉर्ड की जांच की। गवाहों से पूछताछ और दस्तावेजों की पुष्टि की। पर्याप्त सबूत मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया।

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इस 26 साल पुराने मामले में तीन महीने पहले केस दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ता संजय शर्मा के अनुसार, प्लॉट आवंटन में भारी अनियमितताएं की गई थी। प्लॉट खरीदते समय नूतन ठाकुर के नाम के लिए जानबूझकर फर्जी पहचान का इस्तेमाल किया गया। इसमें पत्नी का नाम ‘नूतन देवी’ और पति का नाम ‘अभिताप ठाकुर’ या ‘अभिजित ठाकुर’ दर्शाया गया था। साथ ही, पता भी बिहार के सीतामढ़ी का फर्जी बताया गया था।